प्रगतिशील किसान : कृषि वीर – धर्मवीर कांबोज
आम के आम गुठलियों के दाम कहावत को करना था सच, 11 महीने लगाकर बनाई खुद की मशीन, जिन देशों के कभी नाम भी नहीं सुने थे, अब वहां तक हुई पहुंच
– अगस्त माह में यमुनानगर में जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान सीएम मनोहर लाल ने की थी धर्मवीर से मुलाकात
– हमारी तकनीक से दुनिया कर रही फूड प्रोसेसिंग, 10 पास किसान की मशीन की अलग-अलग देशों में है डिमांड
– पुष्कर में महिलाओं को आंवला कद्दूकस करते देख आया आइडिया, अब महिलाओं के ग्रुपों को ही मिल रहा सबसे ज्यादा फायदा
– 1 घंटे में 200 किलो करती है प्रोसेसिंग, चटनी, जैम, हलवा, जूस सभी बना सकते हैं किसान, बीज को कर सकते हैं दोबारा प्रयोग
अगस्त माह में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल यमुनानगर में जन संवाद कार्यक्रम में गए थे। इसी दौरान उन्होंने यहां के प्रगतिशील किसान धर्मवीर कांबोज से मुलाकत की। इसके बाद धर्मवीर पूरा महीना चर्चा में हैं। लेकिन धर्मवीर को पहले से ही कृषि वीर के रूप में जाना जाता है। एक कहावत तो आपने सुनी ही होगी- ‘आम के आम और गुठलियों के दाम’ इसी कहावत को दिमाग में रखकर कोई दसवीं पास और रिक्शा चलाने वाला किसान दुनिया में भर में नाम कमा लेगा, यह सभी को चौंकाने वाला है। लेकिन यमुनानगर जिले के किसान धर्मवीर कांबोज ने यह करके दिखाया है।
धर्मवीर का कहना है कि मैं केवल 10 तक पढ़ा हुआ हूं लेकिन एक दर्जन से ज्यादा मशीनें बनाई हैं जिनसे खेती का काम आसन हो सके। लेकिन मेरी मल्टी पर्पज फूड प्रोसेसिंग मशीन सबसे ज्यादा चर्चा में रही है। यह मशीन किसी भी तरह की जडीबुटी या फल आदि से चटनी, जैम, हलवा, जूस और तेल निकालने जैसे सब काम कर सकती है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें बीज नहीं टूटते और पूरे अलग हो जाते हैं जिन्हें बाद में बिजाई के लिए प्रयोग कर सकते हैं। 2007 में मैंने इसे बनाया था और 2009 में मुझे इसको लेकर राष्ट्रपति अवार्ड मिला। न्यूयॉर्क से लेकर ईटली, अफ्रीका और नीदरलैंड जैसे देशों में इस मशीन की डिमांड रहती है। सबसे ज्यादा अफ्रीका के देशों में पसंद आ रही है। इसका कारण यह है कि यह बहुत कम बजट की है और एक घंटे में 200 किलो की प्रोसेसिंग कर देती है। सिंगल फेस बिजली में चलती है, सोलर पर भी चला सकते हैं। इससे बादाम, मक्के, सोयाबीन आदि किसी का भी दूध निकाल सकते हैं और उससे खीर भी बन सकती है।
किसान धर्मवीर का कहना है कि आज मैं जो भी हूं यह इतना आसान नहीं था। मैं इतना पढ़ा लिखा नहीं था कि कोई नौकरी पाता, इसलिए गांव छोड़कर दिल्ली में रिक्शा चलाने लगा। रिक्शा चलाकर घर चलाना भी मुश्किल था। एक बार एक्सीडेंट हो गया और मैं वापस अपने गांव आ गया। घर आने के बाद कई महीनों तक कोई काम नहीं मिला। फिर मै जैविक खेती करने लगे और इसी कड़ी में एक बार राजस्थान के पुष्कर गया हुआ था। वहां पर मैंने देखा कि वहां पर महिलाएं आंवले की मिठाइयां बना रहीं हैं, मैंने सोचा कि मैं भी यही करूंगा, लेकिन इसको बनाने के लिए गाजर या फिर आंवले को कद्दूकस करके निकालना होता है, जिससे हाथ छिलने का डर बना रहता था, जिस हिसाब से मुझे प्रोडक्शन चाहिए था, वो मैन्युअल पर आसानी नहीं हो सकता था। तब मैंने सोचा कि कोई ऐसी मशीन बनाई जाए जिससे मेरा काम आसान हो जाए। मुझे लगा कि कोई ऐसी मशीन होनी चाहिए जो किसी भी फल या सब्जी को आसानी से प्रोसेसिंग कर सके और बीज न कटे। मैंने इस पर काम शुरू किया और मुझे यह मशीन बनाने में 11 महीने लगे, कई बार प्रयोग असफल रहा लेकिन लगा रहा और अंत में कामयाबी मिल ही गई। मेरे दिमाग में एक ही बात चल रही थी कि आम के आम और गुठलियों के भी दाम मिलें। एक ही मशीन में काटना, पीसना, पकाना आदि सभी काम हो सकें। ज्यादा बीज वाले फलों पर भी यह काम करे और किसान इन बीजों को बाद में फिर से प्रयोग कर सकें। इस बात का भी ध्यान रखना था कि लागत ज्यादा न आए। आज मुझे खुशी है कि इससे देशभर में महिलाएं मिलकर कई जगह अपना खुद का काम चला रही हैं और मेरा भी टर्नओवर करोड़ तक पहुंच गया है। जबकि मैं तो केवल दसवीं तक पढ़ा लिखा हूं और कभी रिक्शा चलाता था। इस मशीन के कारण ही मुझे देश और विदेश में पहचान मिली है। राष्ट्रपति से अवार्ड मिलने से लेकर फिल्मों तक में मुझे दिखाया गया। 2015 में जिम्बावे के तत्कालीन राष्ट्रपति भी मशीन खरीद कर ले गए थे। बड़ी खुशी होती है जब देश ही नहीं विदेश से भी कोई प्रतिनिधिमंडल आता है तो वो यहां जरुर आता है। वैसे भी हम दूसरे देशों की तकनीक प्रयोग करते हैं लेकिन जब हमारी देसी तकनीक दूसरे देशों में प्रयोग हो इससे अच्छी बात क्या होगी। मेरा मानना तो यही है कि किसान अगर चाहे तो उसे किसी की जरूरत नहीं और वो खुद अपनी खेती को बिजनेस की तरफ ले जा सकता है। क्यों नहीं हमारे सभी किसान परंपरागत खेती छोड़कर अलग तरह की खेती करते। किसान चाहें तो अपने प्रोडक्ट की खुद प्रोसेसिंग करके खुद उसे मार्केट में बिजनसमेन की तरह बेच सकते हैं।