– पहले सत्संग फिर गुरूद्वारे में गाया, भजन से पॉप तक का काफी कठिन था सफर

हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री में राजू पंजाबी एक बड़ा नाम था और हमेशा रहेगा भी। उनका यह सफर इतना आसान नहीं था। बचपन से ही राजू पंजाबी ने काफी कठिनाई देखी। लेकिन वो किसी परेशानी ने नहीं घबराए और खुद के दम पर अपना नाम बनाया। न केवल अपना नाम बनाया बल्कि हरियाणवी इंडस्ट्री को कई बड़े कलाकार दिए। उन्हें हरियाणवी म्यूजिक इंडस्ट्री की कलाकार बनाने की मशीन कहा जाए तो गलत नहीं। राजू पंजाबी का ‘देसी-देसी ना बोल्या कर’ देशभर में फेमस हुआ था। इतना ही नहीं पंजाबी गानों की तरह हरियाणवी गानों को डीजे पर शिफ्ट करने का काम भी राजू ने ही किया था। एक समय में राजू के ही डीजे पर सबसे ज्यादा गाने बजते रहे हैं।

राजू पंजाबी एक सामान्य परिवार का लड़का था। उसकी बहन बोल नहीं पाती थी और जब उसकी शादी हुई तो घर वालों ने राजू को उसकी बहन के साथ पंजाब चला गया। जिससे वह उन्हें बता सके कि उसकी बहन क्या बोलना चाहती है। उस समय राजू 6 से 7 साल ही रहा होगा। उसकी बहन के ससुराल वाले सत्संग में जाते थे और वहां राजू को गाने का शौक हो गया। इसके बाद राजू गुरुद्वारों में भी गाने लगा। राजू 10 से 12 साल तक की उम्र तक पढ़ा भी नहीं था लेकिन बाद में उसके जीजा ने ही उसे पढ़ाया और दसवीं करवाई। बाद में जब वह हरियाणा आया और गाने बनाए तो उसके साथी उसे राजू पंजाबी कहने लगे। वैसे राजू का पूरा नाम राजकुमार था और वह पंजाबी भी नहीं था लेकिन पंजाब में गाने गाता था इसलिए नाम राजू पंजाबी पड़ा।

राजू ने अपना पहला गाना चेतक कंपनी के दिल्ली स्टूडियो में रिकॉर्ड किया था जिसके लिए उन्हें 6 हजार रुपए फीस पूरी कैसेट रिकॉर्ड करने की मिली थी। इसके बाद उन्होंने घर में स्टूडियो बनाया। बाद हरियाणा के फेमस कलाकार राममेहर मेहला के कहने पर वो हिसार आ गए। राजू ही इंडस्ट्री में एकमात्र ऐसा कलाकार या सिंगर था जिसके किसी के साथ कोई झगड़े नहीं होते थे, बल्कि वह तो सभी के साथ काफी मजाक करता था। उसका दिल बच्चे जैसा था। राजू का जब भी मन करता था वो जींद के गांव दनोदा चला जाता था, जहां गांव के पास नहर है। नहर में ही दोस्तों के लेटे रहता था। राजू ने एक बाद एक लगातार हिट गाने दिए लेकिन हमेशा पैर जमीन पर रखे और सामान्य जीवन व्यतीत किया।

राजू की शादी भी कम उम्र में ही हो गई थी। मूल रूप से राजू राजस्थान के हनुमानगढ़ में गांव रावतसर खेड़ा का रहने वाला था। राजू की उम्र 36 साल थी और उसकी दो बेटियां हैं। अभी कुछ महीने से राजू लगातार कमजोर हो रहा था और उसके दोस्तों ने उसे कई बार टोका और पूछा कि क्या हो गया। वह एक ही बात कहता था कि जिम करने लगा हूं। ज्यादा दबाव देने पर उसने चैकअप करवाया तो उसेक पीलिया मिला। इसकी वजह से उसके लीवर तक दिक्कत पहुंच गई थी। राजू का लंबा इलाज चला और वह ठीक होकर घर भी आ गया था। लेकिन अब अचानक फिर से दिक्कत बढ़ी तो उसे रात को दोबारा अस्पताल में एडमिट करवाया। उसके लीवर में पानी भर गया था। डॉक्टरों ने पानी भी निकाला लेकिन उसे बचा नहीं पाए। रात को जब उसे अंदर ले जा रहे थे तो उसने कहा भी था कि मैं अब नहीं रहूंगा। ऐसा ही हुआ और कुछ समय बाद उसने शरीर त्याग दिया। राजू के जाने से आज पूरी हरियाणवी इंडस्ट्री सदमे में हैं।

राजू पंजाबी के टॉप 5 गाने :
सॉलिड बॉडी : 246 मिलियन
सैंडल : 799 मिलियन
देसी-देसी न बोल्या कर : 38 मिलियन (आधिकारिक चैनल पर) वैसे अलग-अलग चैनलों पर काफी ज्यादा हैं।
ठाडा भरतार : 199 मिलियन
लाड पिया के : 547 मिलियन