Karnal Lok Sabha Chunav: करनाल लोकसभा सीट से BJP ने पूर्व CM मनोहरलाल खट्टर को जबकि कांग्रेस ने दिव्यांशु बुद्धिराजा को प्रत्याशी बनाया है। 1952 में अस्तित्व में आई यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। लेकिन 2014 और 2019 में इस सीट पर BJP ने अपना कब्जा जमा लिया।

2019 लोकसभा चुनाव में BJP के संजय भाटिया ने 6,54,269 वोटों से इस सीट पर शानदार जीत दर्ज की। यहां रोजगार, बेरोजगारी, शिक्षा और विकास मुख्य चुनावी मुद्दे हैं।

कौन हैं कांग्रेस के दिव्यांशु बुद्धिराजा?

कांग्रेस ने अपनी युवा शाखा के प्रदेश अध्यक्ष दिव्यांशु बुद्धिराजा को खट्टर के खिलाफ लोकसभा चुनाव में और तरलोचन सिंह को विधानसभा चुनाव में सैनी के खिलाफ मैदान में उतारा है।

खट्टर और बुद्धिराजा दोनों पंजाबी हैं। पूर्व मुख्यमंत्री को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रचारक के रूप में उनके शुरुआती दिनों से ही प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी सहयोगी माना जाता है।

खट्टर की मेहमाननवाजी को नहीं भूले मोदी

ऐसे किस्से हैं कि राजनीति में अपने शुरुआती दिनों के दौरान खट्टर मोदी को मोटरसाइकिल पर ले जाते थे। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, प्रधानमंत्री खट्टर की मेहमाननवाजी को नहीं भूले हैं और वो अब भी उनके साथ खड़े हैं।

इस बीच, बुद्धिराजा को कथित तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के करीबी नेताओं में से एक माना जाता है। बुद्धिराजा ने 2013 में कांग्रेस पार्टी की छात्र शाखा नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के साथ अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की और 2017-2021 के बीच इसके प्रदेश अध्यक्ष रहे। बाद में उन्हें युवा कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष चुना गया।

हरियाणा संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम, 1989 के तहत पंचकुला में पुलिस के एक आपराधिक मामले के बाद बार-बार अदालत में पेश नहीं होने पर उन्हें ‘घोषित अपराधी’ करार दिया गया था। गिरफ्तारी के डर से, बुद्धिराजा ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में FIR को चुनौती दी थी।