पांच माह से बंद शंभू बॉर्डर की समस्या

अंबाला निवासी एडवोकेट वासु शांडिल्य ने शंभू बॉर्डर को खुलवाने के लिए पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। यह याचिका केंद्र, हरियाणा, पंजाब सरकारों और किसान नेता स्वर्ण सिंह पंढेर और जगजीत डल्लेवाल को पक्ष बनाकर दाखिल की गई है। हाई कोर्ट इस याचिका पर जल्द सुनवाई करेगा।

याचिका का मुख्य मुद्दा

याचिका में बताया गया है कि किसानों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच की तैयारी की थी, जिसे रोकने के लिए हरियाणा सरकार ने शंभू बॉर्डर पर बैरिकेट लगाकर इसे बंद कर दिया था। बीते पांच महीनों से नेशनल हाईवे 44 बंद पड़ा है, जिससे अंबाला के दुकानदार, व्यापारी, और छोटे-बड़े रेहड़ी फड़ी वाले भुखमरी की कगार पर आ गए हैं।

सरकारी बसों का डायवर्टेड रूट

शंभू बॉर्डर बंद होने के कारण सरकारी बसों के रूट डायवर्ट किए गए हैं, जिससे तेल का खर्च बढ़ रहा है। अंबाला और शंभू के आसपास के मरीज बॉर्डर बंद होने के कारण दिक्कत में हैं और एंबुलेंस को भी भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा और पंजाब के वकीलों को भी अंबाला और पटियाला की अदालतों में आने में समस्याएं आ रही हैं।

नेशनल हाईवे का गैर कानूनी बंद होना

याचिका में बताया गया है कि फरवरी 2024 से गैर कानूनी तरीके से संविधान का उल्लंघन कर राष्ट्रीय हाईवे को बंद किया हुआ है। शंभू बॉर्डर के आसपास किसानों ने अस्थाई घर बना लिए हैं, जिससे ऐसा लगता है कि यह बॉर्डर अनिश्चितकाल के लिए बंद हो गया है। यह हाईवे पंजाब, हिमाचल, और जम्मू कश्मीर को जोड़ता है।

याचिका में अस्थाई मार्ग की मांग

शंभू बॉर्डर के बंद होने से सरकार और आम आदमी को नुकसान हो रहा है। याचिका में शंभू बॉर्डर को तुरंत प्रभाव से खोलने के आदेश की मांग की गई है। साथ ही, याचिका लंबित रहते आपातकालीन वाहनों के लिए अस्थाई मार्ग बनाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। शांडिल्य ने याचिका में केंद्र, पंजाब और हरियाणा सरकार सहित किसान नेता स्वर्ण सिंह पंढेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल को भी पार्टी बनाया है।