हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के विशेष कार्यकारी अधिकारी (OSD) जवाहर यादव ने इस्तीफा दे दिया है। उनके गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की चर्चा है।
जवाहर यादव ने अपने इस्तीफे में कहा कि वह अपने राजनीतिक जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और भाजपा नेतृत्व का आभार व्यक्त किया।
जवाहर यादव को अब हरियाणा भाजपा के प्रदेश संगठन में शामिल किया जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ के जाने के बाद अब उनकी जगह सांसद नायब सैनी को संगठन की जिम्मेदारी दी गई है।
जवाहर यादव 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने की भी तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, पहले कार्यकाल में उन्हें प्रदेश के कई मंत्रियों व विधायकों के विरोध के चलते CMO से हटाया गया था।
जहां से तैयारी कर रहे, वहां दो और नेता सक्रिय
जवाहर यादव गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। हालांकि, इस सीट पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ही सरकार के पहले कार्यकाल में PWD मंत्री रहे राव नरबीर भी सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। वह अपनी दावेदारी को लेकर लगातार केंद्रीय नेतृत्व से भी मिल रहे हैं।
इन दोनों के अलावा भाजपा के एक बड़े चेहरे की सक्रियता भी बादशाहपुर में देखी जा सकती है। लेकिन जिस तरह से राकेश दौलताबाद ने चेयरमैन का पद छोड़कर अपनी सक्रियता यहां बढ़ाई हुई है, उससे बाकी दावेदारों में बेचैनी का आलम है।
जवाहर यादव का राजनीतिक सफर
जवाहर यादव हरियाणा हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन भी रहे हैं और वह भाजपा के प्रचार एवं संपर्क प्रमुख का कार्यभार भी देख चुके हैं। हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन पद पर कार्यकाल पूरा होने के बाद यादव को पूर्व भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला ने प्रचार एवं संपर्क प्रमुख नियुक्त किया था।
जवाहर यादव 2008 से 2011 तक भाजपा के युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। 2013 में यादव ने प्रदेश प्रवक्ता के तौर पर जिम्मेदारी निभाई और 2014 में BJP की सरकार आने के बाद मुख्यमंत्री के OSD के रूप में भी कार्य किया।
विरोध के चलते हुई थी विदाई
2014 में जब भाजपा हरियाणा में सत्ता में आई थी तो जवाहर यादव पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिनकी मुख्यमंत्री की शपथ ग्रहण के बाद सबसे पहली तैनाती हुई थी। जवाहर यादव ने सीएम के प्रिंसिपल OSD रहे नीरज दफ्तुआर के स्थान पर कार्यभार संभाला था। नीरज की पिछले साल अक्टूबर में CMO से छुट्टी हो गई थी। उनके जाने के बाद से OSD का पद खाली था। जवाहर यादव की गिनती सीएम के करीबियों में होती है। हालांकि, बताया जाता है कि पहले कार्यकाल में उन्हें प्रदेश के कई मंत्रियों व विधायकों के विरोध के चलते सीएमओ से हटाना पड़ा था।
जवाहर यादव के इस्तीफे के बाद
जवाहर यादव के इस्तीफे के बाद हरियाणा भाजपा में हलचल शुरू हो गई है। माना जा रहा है कि उनके बाद नए OSD की नियुक्ति जल्द ही की जा सकती है। इसके अलावा, बादशाहपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए भी भाजपा में दावेदारी बढ़ने की संभावना है।