पंजाब के वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने कहा है कि तीनों कृषि कानून अभी भी वैसे ही बने हुए हैं, क्योंकि केंद्र सरकार ने इनके वापस लेने की अधिसूचना अब तक जारी नहीं की है। उन्होंने एलान किया है कि जब तक किसानों पर दर्ज मामले वापस नहीं होंगे तब तक एक मार्च से शुरू होने वाले पंजाब विधानसभा के बजट सत्र को चलने नहीं दिया जाएगा।
बाजवा रविवार को पटियाला के सरकारी राजिंदरा अस्पताल में उपचाराधीन किसानों का حال-चाल जानने पहुंचे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के कहने पर शंभू और खन्नौरी बॉर्डरों पर किसानों पर फायरिंग की गई है। इसलिए पंजाब की मान सरकार को तुरंत विज के खिलाफ केस दर्ज करना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि हरियाणा सरकार ने मांगों को लेकर दिल्ली कूच कर रहे किसानों को रोकने के लिए जहां बॉर्डरों पर बड़ी-बड़ी कीलें लगा दीं, वहीं सीमेंट से बैरिकेडिंग भी की। ऐसा चीन और भारत के बॉर्डर पर नहीं किया जाता है, जो हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए किया। यही नहीं पंजाब की सीमा के अंदर **घुसकर शांतमयी ढंग से आंदोलन कर रहे किसानों पर आंसू गैस के गोले और गोलियां दागीं। बाजवा ने कहा कि घायल हर किसान के केस में अलग एफआईआर हो।
बाजवा ने किसान शुभकरण की मौत मामले में केस दर्ज करने की बजाय पीड़ित परिवार को एक करोड़ की मदद और बहन को सरकारी नौकरी देने की निंदा की। उन्होंने कहा कि ऐसा करके सीएम भगवंत मान ने साबित कर दिया है कि वह केंद्र की बिलौलगी कर रहे हैं और उन्हें पंजाब के किसानों की कोई चिंता नहीं है।