Haryana News: दूसरी ओर, विधानसभा स्पीकर ने जननायक जनता पार्टी (जजपा) के दो विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई करने का फैसला लिया है। याचिका में नरवाना के जजपा विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और बरवाला के विधायक जोगी राम सिहाग की सदस्यता रद्द करने की मांग की गई है। जजपा ने इन विधायकों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों और भाजपा को समर्थन देने का आरोप लगाया है। स्पीकर ने दोनों विधायकों और विधायक दल के नेता को चार सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा है।

कांग्रेस की याचिका में त्रुटियां

विधानसभा सचिवालय ने कांग्रेस नेताओं को सूचित किया कि किरण चौधरी की सदस्यता रद्द करने की याचिका में याचिकाकर्ताओं के हस्ताक्षर और सत्यापन नहीं थे। यदि याचिका नियम छह की अपेक्षाओं का अनुपालन नहीं करती, तो अध्यक्ष याचिका को खारिज कर सकते हैं। याचिका के प्रत्येक अनुलग्नक पर याचिकाकर्ता द्वारा हस्ताक्षर किए जाने अनिवार्य होते हैं, लेकिन कांग्रेस की याचिका में एक भी अनुलग्नक पर हस्ताक्षर नहीं थे।

जजपा विधायकों के खिलाफ याचिका पर सुनवाई

जजपा के दो विधायकों के विरुद्ध याचिका पार्टी के कार्यालय सचिव रणधीर सिंह द्वारा दायर की गई थी। स्पीकर के अनुसार, याचिका ‘हरियाणा विधानसभा (दल-बदल के आधार पर सदस्यों की अयोग्यता) नियम 1986’ के नियम छह की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरी। इसके बावजूद, स्पीकर ने सर्वोच्च न्यायालय के एक निर्णय के आधार पर याचिका पर सुनवाई करने का निर्णय लिया है। ‘उड़ीसा विधानसभा के अध्यक्ष बनाम उत्कल केशरी परिदा’ मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने यह व्यवस्था दी है कि न केवल सदन का सदस्य, बल्कि कोई भी इच्छुक व्यक्ति, इस तथ्य को विधानसभा अध्यक्ष के ध्यान में लाने का हकदार है कि सदन का कोई सदस्य भारत के संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत अयोग्य होना अपेक्षित है।