प्रीम कोर्ट ने सोमवार को मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि फिलहाल ईदगाह कॉम्प्लेक्स के सर्वे पर लगी रोक जारी रहेगी।

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि कमेटी ऑफ मैनेजमेंट ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह की तरफ से दायर याचिका पर आगे की सुनवाई अप्रैल के पहले हफ्ते में होगी।

पीठ ने अपने आदेश में कहा कि हाईकोर्ट की तरफ से पारित अंतरिम आदेश जहां भी दिए गए हैं, शीर्ष अदालत का अंतिम फैसला आने तक वही प्रभावी रहेंगे।

अप्रैल, 2024 में मामले को फिर से सूचीबद्ध करने का निर्देश देते हुए अदालत ने मुकदमे में शामिल सभी पक्षों को अगले लगभग तीन महीने में दलीलें पूरी करने का निर्देश भी दिया।

इस फैसले से मुस्लिम पक्ष को राहत मिली है, जबकि हिंदू पक्ष को निराशा हुई है। हिंदू पक्ष ने कोर्ट से सर्वे के आदेश को बरकरार रखने की मांग की थी।

विवाद का इतिहास

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद एक ऐतिहासिक विवाद है। हिंदू पक्ष का दावा है कि यह स्थान भगवान कृष्ण का जन्मस्थान है, जबकि मुस्लिम पक्ष का दावा है कि यह स्थान एक मस्जिद है।

विवाद तब शुरू हुआ जब 1991 में एक हिंदू संगठन ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह परिसर के सर्वेक्षण की मांग की। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2020 में आदेश दिया कि परिसर का सर्वेक्षण किया जाए और उसी आधार पर फैसला किया जाए।

इस आदेश के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने 2022 में सर्वेक्षण पर रोक लगा दी।