Haryana : हरियाणा के महेंद्रगढ़ में हुए स्कूल बस हादसे के बाद प्रदेश सरकार की सख्त कार्रवाई से परेशान निजी स्कूलों संचालकों ने इसके विरोध में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल संघ ने कनीना हादसे के लिए पूरी तरह से सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
इन पांच जिलों में स्कूल बंद करने की घोषणा
इसके साथ ही कहा कि अगर यूं ही नाजायज सख्ती जारी रही तो वे स्कूल बसों की चाबियां सरकार को सौंप देंगे। वहीं, स्कूली बसों के चालान के विरोध में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने पांच जिलों कैथल, सोनीपत, झज्जर, सिरसा और फतेहाबाद में पहली से 12वीं तक के स्कूल बंद करने की घोषणा की है।
स्कूल संचालकों ने कहा कि उन्हें चेकिंग अभियान से एतराज नहीं है, लेकिन चेकिंग के तरीके पर आपत्ति है। शाम पांच बजे स्कूल बसों को उठाया जा रहा है, जब स्कूल में न संचालक होता है और न कर्मचारी। साथ ही चहेतों के स्कूलों को छोड़ा जा रहा है। अंबाला में ऐसा हुआ। वहीं, मुख्य सचिव ने वीसी में निजी स्कूल संचालकों के बारे में अपशब्द कहे।
उनके साथ आतंकियों सा व्यवहार किया जा रहा है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि बच्चों की मौत के जिम्मेदार चालक और स्कूल के साथ जिला प्रशासन भी है, क्योंकि प्रशासन को ही बसों की जांच करनी थी।
सरकार पर ये आरोप
- आरटीई, चिराग और 134-ए के 600 करोड़ रुपये सरकार ने नहीं दिए
- स्कूलों को लेकर कोठारी कमीशन की रिपोर्ट लागू नहीं की
- विद्यार्थियों से सरकार पैसेंसर टैक्स लेती है, पहले फ्री कराया, भाजपा सरकार ने फिर लगाया
- स्कूल वाहन नीति में निजी स्कूल संचालकों और अभिभावकों को भी शामिल किया जाना चाहिए।
- सरकार ने स्कूल वाहन नीति के मानक कभी व्यवहारिक नहीं बनाए, सड़कें टूटी हैं
- बसों में पहले से फिट मिलें कैमरा, स्पीड गर्वनर और एल्कोमीटर