Haryana News : संयुक्त किसान मोर्चा देश के किसानों से 16 फरवरी 2024 को ग्रामीण बंद के दिन दुकानें और मंडियां बंद कर, पूरे गांव की गतिविधियों को रोक कर और बड़े पैमाने पर स्थानीय प्रदर्शन में शामिल होकर को बंद को बड़ी सफलता बनाने की अपील करता है।
ग्रामीण बंद की सफलता भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को सभी फसलों के लिए एमएसपी@सी2+50% पर गारंटीकृत खरीद, व्यापक ऋण माफी, बिजली क्षेत्र के निजीकरण को समाप्त करने, लखीमपुर खीरी में किसानों के नरसंहार के मुख्य साजिशकर्ता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बरखास्त करने और उन पर मुकदमा चलाने, एलएआरआर अधिनियम 2013 (भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन में उचित मुआवजा और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013) को लागू करने, दिल्ली की सीमाओं पर ऐतिहासिक किसान संघर्ष में भाग लेने के लिए किसानों के खिलाफ सभी लंबित मामलों को वापस लेने सहित 9 दिसंबर 2021 के लिखित आश्वासन और अन्य मांगों को पूरा करने के लिए मजबूर करेगी।
ग्रामीण बंद को देश भर के सभी गांवों तक लागू किया जाएगा। अगर नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों की मांगें पूरी नहीं की तो संघर्ष और तेज किया जाएगा।
एसकेएम लोगों से 16 फरवरी 2024 को श्रमिकों की औद्योगिक/क्षेत्रीय हड़ताल का समर्थन करने और श्रमिकों के लिए 26,000 रुपये प्रति माह न्यूनतम वेतन, 4 श्रम संहिताओं को निरस्त करने, मौलिक अधिकार के रूप में रोजगार की गारंटी देने, रेलवे, रक्षा, बिजली सहित सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण बंद करने, नौकरियों का संविदाकरण बंद करने, निश्चित अवधि के रोजगार को खत्म करने, प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 200 दिनों के काम और ₹600/- दैनिक वेतन के साथ मनरेगा को सुदृढ़ करने, पुरानी पेंशन योजना को बहाल करना, औपचारिक और अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में सभी के लिए पेंशन और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने, नए शुरू किए गए बीएनएस की धारा 104 को ख़त्म करने की उनकी वास्तविक मांगों के प्रति एकजुटता बढ़ाने का आग्रह करता है।।
रिपोर्टों के अनुसार, अकेले पंजाब में 26 जनवरी 2024 की ट्रैक्टर/वाहन परेड में 21000 से अधिक ट्रैक्टर शामिल हुए। पूरे भारत में 37000 ट्रैक्टरों और 85000 दोपहिया वाहनों सहित 141000 से अधिक वाहनों की जबरदस्त भागीदारी मोदी सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ गुस्से को दर्शाती है। एसकेएम उन सभी को बधाई और शुभकामनाएं देता है जिन्होंने परेड को इतिहास में एक अविस्मरणीय प्रदर्शन बनाया।
24 अगस्त 2023 को नई दिल्ली तालकटोरा स्टेडियम में किसानों और श्रमिकों के पहले अखिल भारतीय सम्मेलन में घोषित संयुक्त संघर्ष के दूसरे चरण के हिस्से के रूप में महापड़ाव, ट्रैक्टर/वाहन परेड सहित संघर्षों की इन श्रृंखलाओं ने देश भर के गांवों और कस्बों में एमएसपी, रोजगार, न्यूनतम मजदूरी, ऋण माफी और गरीबी सहित लोगों की आजीविका के मुद्दे को सफलतापूर्वक राजनीतिक विमर्श में वापस ला दिया है, और इन मुद्दों को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए एजेंडा निर्धारित करने के लिए बाध्य किया है। एसकेएम कॉर्पोरेट-सांप्रदायिक गठजोड़ वाली भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की दमनकारी और विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ़ लड़ेगा।