बुधवार को रोहतक जाट कॉलेज अखाड़ा हत्याकांड में सजा पर बहस हुई। पीड़ित पक्ष ने दोषी कोच सुखविंदर के लिए फांसी की सजा की मांग की, जबकि सुखविंदर ने अपनी बुढ़ी मां-बाप और बेटे का हवाला देते हुए रहम की गुहार लगाई। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद 23 फरवरी तक फैसला सुरक्षित रख लिया है।

12 फरवरी 2021 को, सुखविंदर ने मुख्य कोच मनोज मलिक, उनकी पत्नी साक्षी मलिक, 3 अन्य कोचों और एक महिला पहलवान को गोली मार दी थी। 2 साल के बच्चे सरताज को भी गोली मारी गई थी, जिसकी 3 दिन बाद मृत्यु हो गई थी। सुखविंदर को बादली के पास गिरफ्तार किया गया था।

पीड़ित पक्ष ने कहा कि सुखविंदर ने क्रूरता से 6 लोगों की हत्या की है और उसे फांसी की सजा दी जानी चाहिए। सुखविंदर ने दया याचिका दायर करते हुए कहा कि उसके माता-पिता बुजुर्ग हैं और उसका 7 साल का बेटा है।

रोहतक कोर्ट ने पहले भी दो मामलों में फांसी की सजा सुनाई है, लेकिन अभी तक किसी भी दोषी को फांसी नहीं दी गई है।