Ram Rahim For Furlough: डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह ने फिर से जेल से बाहर आने की उम्मीद जताई है और इसके लिए हाई कोर्ट के समक्ष पैरोल या फरलो देने पर रोक के आदेश को हटाने की गुहार लगाई है। गुरमीत सिंह, जो दुष्कर्म और हत्या के मामलों में दोषी पाए गए हैं और वर्तमान में रोहतक जेल में सजा काट रहे हैं, ने दावा किया है कि इस वर्ष उनके पास अभी भी 41 दिन की पैरोल और फरलो बची हुई है और वे इसका लाभ उठाना चाहते हैं।

गुरमीत सिंह ने अपनी याचिका में तर्क दिया है कि पैरोल और फरलो का उद्देश्य सुधारात्मक प्रकृति का है, जिससे दोषी अपने परिवार और समाज के साथ सामाजिक संबंध बनाए रख सके। उन्होंने यह भी कहा कि 29 फरवरी को हाई कोर्ट की खंडपीठ द्वारा दिए गए आदेश, जिसमें बिना अदालत की अनुमति के उनकी पैरोल के आवेदन पर विचार न करने के निर्देश दिए गए थे, उनके अधिकारों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर्स (टेम्पररी रिलीज) एक्ट 2022 के तहत पात्र दोषियों को हर कैलेंडर वर्ष में 70 दिन की पैरोल और 21 दिन की फरलो देने का अधिकार है।

डेरा प्रमुख का दावा है कि उन्हें अन्य समान परिस्थितियों में रखे गए दोषियों की तरह ही पैरोल मिलनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा गुड कंडक्ट प्रिजनर्स (टेम्पररी रिलीज) एक्ट 2022 के तहत किसी दोषी को पैरोल और फरलो देने पर कोई रोक नहीं है, भले ही उसे आजीवन कारावास और निश्चित अवधि की सजा वाले तीन या अधिक मामलों में दोषी ठहराया गया हो।

हालांकि, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने डेरा प्रमुख को पैरोल/फरलो देने के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसके परिणामस्वरूप फरवरी माह में कोर्ट ने यह आदेश दिया था कि भविष्य में गुरमीत सिंह को कोर्ट की अनुमति के बिना पैरोल या फरलो न दी जाए।

इस स्थिति में, गुरमीत सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें किसी विशेष विशेषाधिकार के आधार पर पैरोल या फरलो नहीं दी जा रही है, बल्कि यह एक वैधानिक अधिकार है जो हर पात्र दोषी को मिलता है।