हरियाणा के 40,000 से अधिक नगर पालिका, परिषद और निगम कर्मचारी गुरुवार को दो दिवसीय हड़ताल पर चले गए। हड़ताल का नेतृत्व करने वाले नगर पालिका कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि गुरुग्राम नगर निगम के 3,480 सफाई कर्मचारियों की छंटनी और फरीदाबाद के जूनियर इंजीनियर संदीप तलवार की नौकरी से निकालना तानाशाही है।

कर्मचारी नेताओं का कहना है कि सरकार छंटनी ग्रस्त कर्मचारियों को ड्यूटी पर वापस ले, 29 अक्टूबर 2022 और 5 अप्रैल 2023 के समझौते को लागू करे, नो वर्क नो पे के काले कानून को रद्द करे और 24 सूत्रीय मांग पत्र का समाधान करे। अन्यथा, नगरपालिका कर्मचारी संघ आंदोलन को तेज करने पर विचार करेगा।

महासचिव मांगे राम तिगरा ने बताया कि संघ ने जनहित को ध्यान में रखते हुए जल सेवा और अग्नि शमन सेवाओं को सुचारू रूप से चालू रखने का ऐलान किया है। हालांकि, अन्य सभी 60 नगर पालिकाओं, 22 परिषदों और 11 नगर निगमों के सफाई कर्मचारी, सीवर मैन और तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी हड़ताल पर रहे।

नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री और महासचिव मांगे राम तिगरा ने हरियाणा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सफाई का लगभग सभी काम, घर-घर से कूड़ा उठाने, कूड़े को ठोस कचरा निस्तारण प्लांट पर ले जाने का काम और सीवर का काम भी सरकार ने ठेकेदारों के हवाले कर दिया है। ठेकेदार सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने में फेल है और पूरे हरियाणा में सफाई अभियान और ठेकेदारी के नाम पर बड़ी लूट-खसोट चल रही है। सरकार छंटनी कर काले कानून थोप कर कर्मचारियों का शोषण कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले 26 वर्षों में सफाई और सीवर कर्मचारियों की नियमित भर्ती नहीं हुई है।

सफाई कर्मचारियों की त्यौहारी, राष्ट्रीय पर्व, साप्ताहिक अवकाश और उनकी CL, EL छुट्टियों पर भी पाबंदी लगा दी जाती है और कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों की आए दिन सीवर और सेफ्टी टैंको में मौत इस बात का पुख्ता सबूत है। सरकार द्वारा सफाई कर्मचारियों को न्याय देना तो दूर उनकी मौतों पर संवेदना तक प्रकट नहीं की जाती है।

उन्होंने कहा कि पालिकाओं, परिषदों, नगर निगमों के हो रहे विस्तार और क्षेत्रफल, आबादी, कार्य की अधिकता के अनुपात में ग्रुप सी, डी और सफाई, सीवर, अग्निशमन कर्मचारियों की पद संख्या बढ़ाई जाए और सरकार नए पद सृजित कर रिक्त पदों पर नियमित भर्ती करे।