हरियाणा के पानीपत में केंद्रीय नागरिक उड्डयन व स्टील मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक ऐतिहासिक भाषण दिया। उन्होंने इस भाषण में मराठा साम्राज्य के इतिहास और उनकी उपलब्धियों का बखान किया।

सिंधिया ने कहा कि पानीपत उनके लिए एक भावनात्मक रूप से महत्वपूर्ण स्थान है। क्योंकि यहीं पर उनके पूर्वजों ने विदेशी आक्रांताओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी और शहीद हुए थे। उन्होंने कहा कि मराठा साम्राज्य ने भारत को एकजुट करने और विदेशी आक्रांताओं से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

सिंधिया ने कहा कि शिवाजी महाराज ने भारत को एकजुट करने का सपना देखा था। उन्होंने 12 साल की उम्र में ही यह प्रण ले लिया था कि जब तक एक-एक विदेशी आक्रांता भारत से नहीं निकल जाएगा, तब तक वे नहीं रुकेंगे और न झुकेंगे।

सिंधिया ने कहा कि मराठा साम्राज्य ने धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा दिया। उन्होंने सोमनाथ मंदिर के दरवाजे को लाहौर से वापस लाने और काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण करने का काम किया।

सिंधिया ने पानीपत के युद्ध का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस युद्ध में मराठा सेना ने अफगानों को तीन घंटे के अंदर पराजित कर दिया था। इस युद्ध में सिंधिया के 16 वंशज शहीद हुए थे।

सिंधिया ने कहा कि मराठा साम्राज्य ने भारत की संस्कृति और परंपराओं को भी संरक्षित किया। उन्होंने कहा कि मराठा साम्राज्य भारत के इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है और हमें इसके गौरवशाली अतीत को याद रखना चाहिए।