Haryana : हरियाणा के पशुपालकों के लिए एक बड़ी मुसीबत की खबर सामने आई है। प्रदेश में फसल कटाई के बाद आ रही नई तूड़ी खाने से पशुओं को कब्ज का शिकार होना पड़ रहा है। इसके साथ ही गर्मी के मौसम के कारण अफारा भी आ रहा है। वहीं छोटे पशुओं के पेट में कीड़े, निमोनिया की शिकायत आ रही हैं।

बता दें कि पशुपालन विभाग द्वारा जारी पशु स्वास्थ्य सेवा हेल्पलाइन नंबर 1962 पर रोजाना करीब 200 से अधिक फोन कॉल आ रहे हैं। इस टोल फ्री नंबर पर दोपहर 12 से शाम चार बजे तक सबसे अधिक फोन आते हैं। 27 फरवरी से पशु कॉल सेंटर ने अपनी सेवाएं शुरू की थीं। 1962 नंबर पर पशुपालकों के लिए 24 घंटे सेवा उपलब्ध कराई जा रही है।

अगर रात के समय भी पशु को किसी तरह की दिक्कत हो तो टेलीमेडिसिन सर्विस के जरिये मदद की जाती है। दोपहर 12 बजे से रात आठ बजे तक पशुपालकों को पशु सहायता वैन की सुविधा दी जा रही है।

कॉल सेंटर के मैनेजर साहिल सहगल ने बताया कि कॉल सेंटर में एक पशु चिकित्सक हर समय उपलब्ध रहता है, जो पशुपालकों की समस्या सुनने के बाद फोन पर ही समाधान बताता है। कॉल सेंटर के कर्मी व चिकित्सक 8-8 घंटे की तीन शिफ्ट में सेवाएं दे रहे हैं।

जानकारी के अनुसार मार्च महीने में 5830 कॉल आईं जिसमें 5109 स्थानों पर सहायता वैन भेजी गई। अन्य करीब 800 पशुपालकों को फोन पर टेलीमेडिसिन की सेवाएं प्रदान की गईं। उन्होंने बताया कि इस समय नई तूड़ी खाने से पशुओं में बंधे यानी कब्ज की शिकायत आ रही है। इसके अलावा अफारा, निमोनिया, डायरिया के केस आ रहे हैं। इससे पहले गर्भपात, गर्भधारण न करना, पशु चोटिल होना, बुखार की शिकायतें आ रही थीं।

प्रदेश में 70 पशु सहायता वैन उपलब्ध

इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में प्रदेश में 70 पशु सहायता वैन उपलब्ध कराई गई हैं। जिसमें हिसार में 7, फतेहाबाद में 4, सिरसा में 5, भिवानी में 6, करनाल में 4, कैथल-कुरुक्षेत्र में 4, रोहतक में 3, पलवल में 3, सोनीपत में 3, महेंद्रगढ़ में 3, यमुनानगर में 2, नूंह में 2, जींद में 5, झज्जर में 3, पानीपत में 2, फरीदाबाद में 2, गुरुग्राम में 2 रेवाड़ी में 2, अंबाला में 2 एंबुलेंस तैनात हैं।

कॉल सेंटर में फोन आने पर नजदीक की एंबुलेंस को मौके पर भेजा जाता है। पशु सहायता वैन का 30 मिनट में पहुंचने का लक्ष्य है। हर एक गाड़ी में जीपीएस लगा हुआ है जिसके जरिये अधिकारी इन वैन की लाइव लोकेशन देखते हैं।