चरखी दादरी के गांव मांढी पिरानू निवासी तीन युवकों को सिंगापुर में नौकरी दिलाने के नाम पर राजस्थान के झुंझनू के गांव कांजी निवासी दंपती ने 32 लाख रुपये की ठगी की। तीनों युवक वर्क वीजा बनवाकर सिंगापुर पहुंचे, लेकिन वहां उन्हें नौकरी नहीं मिली, बल्कि उन्हें आपराधिक गिरोह से मिलवाया गया। युवकों ने जब गिरोह से जुड़ने से मना किया तो उन्हें प्रताड़ना दी गई। बाद में जैसे-तैसे तीनों युवक वापस आ गए। उनकी शिकायत पर बाढड़ा थाना पुलिस ने आरोपी दंपती के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।

शिकायतकर्ता विकास ने बताया कि गांव कांजी निवासी रविश और उसकी पत्नी पूजा का मांढी में रिश्तेदारी होने के कारण गांव में आना-जाना था। एक दिन उनकी उनसे मुलाकात हुई। उन्होंने कहा कि वे युवाओं को विदेश में नौकरी लगवाते हैं। अगर उन्हें नौकरी करनी है तो वे उन्हें विदेश में दिलवा देंगे।

विकास ने उनसे नौकरी की प्रक्रिया पूछी तो उन्होंने कहा कि वे केवल नौकरी लगवाने के लिए 12 लाख रुपये लेते हैं, लेकिन उन्हें वे वर्क वीजा भी बनवाकर देंगे। विकास के साथ ही दो अन्य युवक प्रवीण और सोनू ने भी नौकरी की हामी भर दी। इसके बाद उन्होंने आरोपियों के कहे अनुसार अपनी वीजा बनवा लिया।

शिकायत के अनुसार विकास ने 4 मई 2022 को दस लाख, प्रवीण ने जुलाई 2022 में 12 लाख और सोनू ने अक्तूबर 2022 में दस लाख रुपये आरोपी पक्ष को दे दिए। इसके बाद आरोपियों ने उन्हें सिंगापुर में नौकरी दिलाने के बजाय अपराधिक व्यक्तियों से मुलाकात करवाई और उनके साथ काम करने के लिए कहा। बाद में जब उन्होंने काम करने से मना किया तो उन्हें प्रताड़ना दी गई। इसी दौरान जैसे- तैसे करके वहां भाग निकले और गांव आ गए।

आरोपियों से पैसे वापस मांगने पर धमकी मिल रही है। उन्होंने पुलिस से आरोपियों पर कार्रवाई कर पैसे बरामद कराने की मांग की है।