Haryana News: हरियाणा में पिछले छह महीनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सरकार को 15 जुलाई तक का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे अगली रणनीति बनाएंगे। किसानों का कहना है कि उनका प्रदर्शन जारी रहेगा, लेकिन जिला प्रशासन उनकी मांगों की अनदेखी कर रहा है।

197वें दिन भी जारी रहा धरना

संयुक्त किसान मोर्चा का धरना लघु सचिवालय गेट के बाहर 197वें दिन वीरवार को भी जारी रहा। भारतीय किसान मजदूर यूनियन ने धरने की अगुवाई की, जिसकी अध्यक्षता जिला अध्यक्ष धर्मपाल बडाला और प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कोथ ने की। संचालन प्रदेश महासचिव सोमवीर भगाना और प्रदेश प्रवक्ता जोगिंदर मय्यड़ ने किया। मोर्चा के नेताओं ने कहा कि किसान-मजदूर लगातार धरनारत हैं, लेकिन जिला प्रशासन उनकी जायज मांगों को अनदेखा कर रहा है।

किसानों की प्रमुख मांगें

किसानों की मांगें निम्नलिखित हैं:

  1. खरीफ 2024 का बीमा और मुआवजा
  2. खरीफ 2022 का 48 करोड़ मंजूरशुदा मुआवजा किसानों के खातों में डाला जाए।
  3. रबी फसल 2024 ओलावृष्टि और पाले से बर्बाद हुई फसल का मुआवजा तुरंत डाला जाए।
  4. खेड़ी चोपटा तहसील का खरीफ 2021 के फसल खराबे का बकाया मुआवजा दिया जाए।
  5. खेड़ी चोपटा तहसील की तर्ज पर 6500 रुपये आदमपुर और बालसमंद तहसील के किसानों को दिया जाए
  6. मनरेगा मजदूरों को 200 दिन काम और 600 रुपये दिहाड़ी दी जाए।
  7. बास टोल से लगते गांव में आगजनी से बर्बाद फसलों का मुआवजा जल्द से जल्द दिया जाए।
  8. ट्यूबवैल कनेक्शन और ट्यूबवैल शिफ्टिंग का जल्द समाधान किया जाए।

15 जुलाई तक का समय

जिला प्रशासन ने संयुक्त किसान मोर्चा से 15 जुलाई तक का समय मांगा था। अगर 15 जुलाई तक सभी मुद्दों का समाधान नहीं हुआ, तो आगामी रणनीति बनाई जाएगी। किसान मजदूर संगठन मिलकर कड़ा और ठोस फैसला लेंगे।

धरने में शामिल प्रमुख नेता

धरने पर उपस्थित प्रमुख नेताओं में सुजान सोथा (पूर्व सरपंच), सुंदर सिंह पंवार (पनिहारी), सतबीर सिंह, धर्मपाल, संजय धारीवाल (सुल्तानपुर), देवेंद्र सिंह (लौरा), सुरेंद्र मान, और राजबीर सरपंच (न्योली) शामिल थे।