Haryana Govt Jobs 2024 : लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा सरकार जल्द ही विभागों में खाली पड़े पदों पर भर्ती करेगी। इस दौरान विभिन्न विभागों में ग्रुप C-D में करीब 5000 पद भरे जाएंगे। इन नए पदों पर भर्ती पहले हो चुके कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) के अनुसार ही होगी।

इसके लिए सरकार की ओर से सभी विभागों, बोर्ड, निगमों को पत्र भेजकर ग्रुप C-D के खाली पदों का आग्रह पत्र हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) के पास भेजने को कहा है।

वहीं हरियाणा के युवा बेरोजगारों ने सोशल मीडिया पर सरकार को घेरा था कि जो युवा सीईटी एग्जाम दे चुके हैं, उन्हें नौकरी दी जाए। हालांकि अभी तक सरकार ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया।

युवाओं का कहना है कि सरकार CET पॉलिसी में संशोधन करे और इसे क्वालीफाई नेचर का बनाए। इसका मतलब यह कि सीईटी क्वालिफाई करने वाले हर युवा को नौकरी सुनिश्चित करे।

हालांकि अभी तक CET स्कोर के अनुसार कुल पदों का चार गुना को शॉर्टलिस्ट कर नॉलेज टेस्ट लेने का प्रावधान है।

हरियाणा चीफ सेक्रेटरी ऑफिस द्वारा जारी लेटर में यह स्पष्ट किया गया है कि ग्रुप-C के जिन पदों पर नियुक्ति की मांग पहले ही HSSC को भेजी जा चुकी है, वे दोबारा न भेजें। सभी विभाग, बोर्ड और निगम ऐसे पदों को खाली न मानें, जिन पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है।

उन्हें अपलोड की जाने वाली नई मांग में शामिल न करें। प्रत्येक विभाग, बोर्ड या निगम के मुखिया द्वारा यह मांग तैयार करके इसे हरियाणा नॉलेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा इस उद्देश्य के लिए बनाए गए पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।

ऑल इंडिया गवर्नमेंट इम्प्लॉइज फेडरेशन के अध्यक्ष सुभाष लांबा के मुताबिक हरियाणा में 1.80 लाख सरकारी पद खाली हैं। यहां 4.5 लाख के मंजूर पदों के मुकाबले 2.70 लाख कर्मचारी काम कर रहे हैं। 1980 में जब राज्य की आबादी 1.25 करोड़ थी तो सरकार में 4 लाख कर्मचारी थे।

अब आबादी बढ़कर 2.9 करोड़ हो चुकी है लेकिन कर्मचारियों के पद उतने ही हैं और वह भी पूरे नहीं भरे हैं। इस वजह से न तो युवाओं को नौकरी मिल रही है और न ही नागरिकों को संतुष्टिजनक सेवाओं का लाभ मिल रहा है।

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से सैनी सरकार को बड़ा झटका लगा है। सरकारी नौकरियों में सामाजिक-आर्थिक आधिर पर दिए जाने वाले आरक्षण को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट के इस फैसले से सूबे की रुकी हुई नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है।

सरकार ने नौकरियों में सामाजिक व आर्थिक आधार पर पिछले आवेदकों को 5 अंक देने का प्रावधान किया था। इस प्रावधान को चुनौती देने वाली याचिका के निपटारे के साथ ही प्रदेश में हजारों नियुक्तियों का रास्ता साफ हो गया है।