परिवार पहचान पत्र (PPP) में हेराफेरी कर अलग ID बनवाने और उन्हें BPL श्रेणी में शामिल करने वाले 5 लोगों पर अतिरिक्त उपायुक्त ने FIR दर्ज कराई है। एडीसी कार्यालय ने ऐसे करीब 22 लोगों को चिन्हित किया था। पहले चरण में आदमपुर में फैमिली ID को अलग कराने वाली आरती, कैलाश गर्ग, CSC संचालक सुरेंद्र सुथार, सुरेंद्र और प्रवेश के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि ये लोग 5 से 10 हजार रुपये लेकर फैमिली ID को अलग-अलग करते थे।
आरोपियों का जालसाजी का तरीका:
- आरती सिसोदिया: बिना दस्तावेज अपलोड किए अपना अलग परिवार पहचान पत्र बनवाया।
- कैलाश गर्ग: आरती सिसोदिया को CSC संचालक सुरेंद्र सुथार से संपर्क कराया।
- सुरेंद्र सुथार: लितानी गांव के सुरेंद्र की मदद से काम किया।
- सुरेंद्र (लितानी): प्रवेश भिवानी (ग्रहणपुरा कलां) के माध्यम से काम करवाया।
जांच में सामने आए अन्य तथ्य:
- इस गड़बड़ी में और भी लोग शामिल हो सकते हैं।
- हरियाणा सरकार द्वारा परिवार पहचान पत्र को अलग करवाने के लिए स्वयं के बिजली बिल की आवश्यकता होती है।
- आरोपियों ने विभाग के नाम और विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया है।
- पूरे गिरोह का पर्दाफाश करने के लिए गहन जांच की जरूरत है।
अब तक की कार्रवाई:
- इस मामले में कुल 16 FIR दर्ज हो चुकी हैं।
- हिसार में 1, भिवानी में 2, रोहतक में 6, पानीपत में 4, पलवल में 3 FIR दर्ज हैं।
- PPP में हेराफेरी करने वालों को 10 साल तक की कैद हो सकती है।