Manohar Lal: हरियाणा में मनोहर लाल साढ़े नौ साल तक सत्ता में रहे। इनके 2014 में BJP के सत्ता में आने के बाद जब CM पद के लिए उनके नाम पर मुहर लगी तो सभी हैरान रह गए थे। पहली बार वह विधायक बने। तब मनोहर को सरकार चलाने का कोई अनुभव भी नहीं था और सीधे CM की कुर्सी में जाकर बैठ गए थे।

इस्तीफा देकर सबको चौंकाया 

वहीं अब उन्होंने CM के पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया हैं। उन्होंने जाते समय भी लोगों को हैरानी में डाल दिया। इनको CM पद से हटने की उनकी चर्चाएं करीब डेढ़ साल पहले हुई थी, मगर समय-समय पर उनके कामों की केंद्र सरकार भी उनकी तारीफ करते थी।

उससे यही लगता था कि मनोहर लाल तीसरी बार भी सरकार का चेहरा रहने वाले हैं। हालांकि उनके सामने किसान आंदोलन, पहलवानों का धरना प्रदर्शन, जाट आंदोलन और राम रहीम की गिरफ्तारी जैसी कई चुनौतियां सामने आई, मगर उनकी कुर्सी पर खतरा कभी बना नहीं।

अपने कुशल प्रशासक व प्रबंधन की वजह से वह पीएम मोदी व शाह के चहेते बन गए। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कुशल अधिकाारियों की अच्छी फौज भी तैयार कर रखी थी, जिसकी वजह से उन्हें कभी काम में कोई दिक्कत नहीं आई।

यहां जानिए CM बदलने के चार बड़े कारण

1. साढ़े नौ साल की सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर थी, इसे काटने के लिए नेतृत्व को बदला गया।
2. राज्य में अफसरशाही हावी थी। मंत्री नाराज थे, मगर मनोहर लाल लगाम कसने में नाकाम रहे।
3. राज्य में पिछड़े वर्ग को साधने के लिए मनोहर लाल की जगह सैनी को लाया गया।
4. एमपी, राजस्थान की तरह पार्टी राज्य को नया नेतृत्व देना चाहती थी, इसलिए मनोहर को बदला गया।

नायब सिंह सैनी बने हरियाणा के नए CM

आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने हरियाणा में चौंकाने वाला फैसला लिया है। जननायक जनता पार्टी (जजपा) से गठबंधन तोड़ते हुए मनोहर लाल की जगह प्रदेश अध्यक्ष नायब सिंह सैनी को नया मुख्यमंत्री बनाया है। कुरुक्षेत्र से सांसद और ओबीसी समुदाय के चेहरे सैनी को मंगलवार शाम को हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई।

13 मंत्रियों ने दिए इस्तीफे

केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री मनोहर लाल और 13 मंत्रियों ने इस्तीफे सौंपे। इस्तीफे के बाद दिल्ली से आए पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, तरुण चुघ और प्रभारी बिप्लब कुमार देब की मौजूदगी में भाजपा विधायक दल की बैठक में नायब सिंह सैनी को विधायक दल का नेता चुना गया। सैनी के नाम का प्रस्ताव मनोहर लाल ने ही रखा। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद नायब सिंह सैनी ने राजभवन पहुंचकर सरकार बनाने का दावा पेश किया।