संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) और किसान मजदूर मोर्चा शहीद शुभकरण सिंह और अन्य तीन शहीद किसानों की स्मृति में 24 फरवरी को कैंडल मार्च आयोजित करेंगे। 25 फरवरी को शंभू और खनौरी बॉर्डर पर देशभर के किसानों को जागरूक किया जाएगा।

26 फरवरी को देश में सभी गांवों और शंभू तथा खनौरी बॉर्डर पर केंद्र सरकार और विश्व व्यापार संगठन (WTO) के पुतले फूंके जाएंगे।

27 फरवरी को दोनों फोरम की राष्ट्रीय स्तर की बैठक शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आयोजित होगी। 28 फरवरी को दोनों फोरम की साझा बैठक आयोजित करके 29 फरवरी को किसान आंदोलन के आगामी बड़े फैसले का एलान किया जाएगा।

खनौरी बॉर्डर पर हुई युवा किसान शुभकरण की मौत के मामले में किसानों ने 24 फरवरी को रोष मार्च निकाला। सैकड़ों किसान राजपुरा की तरफ से चलते हुए शंभू बैरिगेड तक पहुंचे, जहां किसानों ने सरकार का पुतला दहन किया।

किसान नेताओं का मानना है कि पंजाब सरकार को मृतक किसान शुभकरण की मौत के मामले में संबंधित पुलिस अधिकारियों पर हत्या का केस दर्ज करना चाहिए। जब तक हत्या का केस दर्ज नहीं होगा, तब तक किसान नेता भी दिल्ली कूच का फैसला नहीं लेंगे।

किसानों ने खनौरी में पुलिस की कार्रवाई के विरोध में सभी लोगों से घर व गाड़ियों पर काला झंडा लगाने की बात कही है।

किसान आंदोलन आगे कैसे बढ़ेगा, यह आगामी बैठकों और फैसलों पर निर्भर करेगा।