खनौरी बॉर्डर पर धरना दे रहे एक किसान की जान चली गई है। पटियाला के रहने वाले 50 वर्षीय करनैल सिंह की मंगलवार को तबीयत बिगड़ गई थी। अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। यह 15 दिन से चल रहे आंदोलन में 8वीं मौत है, जिसमें 3 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

किसान अभी शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। हरियाणा में बॉर्डर पर सड़कें खोली जा रही हैं। किसान मजदूर मोर्चा (KMM) और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) आज दिल्ली कूच पर चर्चा करेंगे और 28 फरवरी को अंतिम फैसला लिया जाएगा।

KMM के सरवण पंधेर ने कहा कि केंद्र और पंजाब के कुछ अधिकारी गलत कह रहे हैं कि वार्ता FIR को लेकर टूटी है। उन्होंने कहा कि वार्ता कॉन्ट्रैक्ट बेस खेती के प्रस्ताव पर अटक गई है, क्योंकि किसान MSP गारंटी कानून मांग रहे हैं।

पंधेर ने कहा कि आंदोलन को पूरे देश में समर्थन मिल रहा है, और भारत के इतिहास में पहली बार आदिवासियों ने किसानों को समर्थन दिया है।

26 फरवरी को SKM ने पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकाला और WTO के पुतले फूंके।

किसानों के दिल्ली कूच टालने के बाद हरियाणा में सड़कें खुलनी शुरू हो गई हैं। दिल्ली पुलिस ने सिंघु और टिकरी बॉर्डर को अस्थाई रूप से खोल दिया है, और हरियाणा पुलिस ने कुरुक्षेत्र में जम्मू-दिल्ली नेशनल हाईवे की सर्विस रोड खोल दी है।

खनौरी बॉर्डर पर मरे किसान शुभकरण का अभी पोस्टमॉर्टम नहीं हुआ है। किसान नेता और परिवार हत्या का केस दर्ज करने की मांग पर अड़े हुए हैं। पंजाब सरकार ने पहले ही किसान के परिवार को 1 करोड़ मुआवजा और बहन को सरकारी नौकरी का ऐलान कर दिया है।