हरियाणा के करनाल में कंबोपुरा गांव के पूर्व सरपंच कर्म सिंह की मौत के मामले में CBI की विशेष कोर्ट ने कांग्रेस के पूर्व CPS जिले राम शर्मा और मंत्री के PA राजेंद्र शर्मा को बरी कर दिया है। जबकि ट्रायल के दौरान पूर्व मंत्री ओम प्रकाश जैन की मृत्यु हो चुकी है। इन तीनों पर कर्म सिंह को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप लगे थे।
इस मामले में CBI की ओर से लगाए गए आरोपों को कोर्ट ने सही नहीं पाया। कोर्ट ने कहा कि अभियोजन पक्ष ने आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं पेश किए। बचाव पक्ष के वकील अनिल कौशिक ने कहा कि कोर्ट ने आरोपियों को बरी करते हुए कहा है कि इस मामले में आरोपियों की कोई भूमिका नहीं है।
यह मामला 2011 का है। कर्म सिंह ने ओम प्रकाश जैन, जिले राम शर्मा और राजेंद्र शर्मा से तीन लोगों को नौकरी दिलाने के लिए साढ़े 12 लाख रुपए लिए थे। लेकिन नौकरी नहीं लगी और न ही रुपए वापस किए। 7 जून 2011 को कर्म सिंह का शव क्षत-विक्षत हालत में मिला था।
मामले की जांच पहले करनाल पुलिस ने की, लेकिन बाद में CBI को दे दी गई। CBI ने आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था, लेकिन जांच में पता चला कि यह हत्या नहीं है। कर्म सिंह को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया गया था। लिहाजा सीबीआई ने आत्महत्या के उकसाने के तहत कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।
इस मामले में कर्म सिंह के बेटे राजेंद्र ने आरोप लगाया था कि उनके पिता की हत्या ओम प्रकाश जैन और जिले राम शर्मा के इशारे पर की गई थी। इस मामले में नाम आने के बाद दोनों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।