सरकार द्वारा वाहनों के प्रदूषण प्रमाणपत्र बनवाने के लिए बनाए गए नए नियमों से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नए नियमों के अनुसार, वाहनों का पंजीकरण आधार कार्ड, परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) और मोबाइल नंबर से लिंक होना अनिवार्य है।

यह लिंकिंग सरल पोर्टल या किसी भी प्रदूषण जांच केंद्र पर नहीं हो पा रही है। इसके कारण, वाहन चालकों को प्रदूषण प्रमाणपत्र नहीं मिल पा रहा है।

दूसरी ओर, केंद्र सरकार की वेबसाइट मोर्थ भी दो दिन से बंद पड़ी है। इस वजह से, प्रदेश भर में कहीं भी प्रदूषण जांच के प्रमाणपत्र नहीं बन पा रहे हैं।

बिना प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र के सड़कों पर उतरने पर वाहन चालकों पर 10 हजार रुपये का चालान काटने का प्रावधान है।

जानकारी के अनुसार, जिले में 70 प्रदूषण जांच केंद्र हैं। इन केंद्रों पर हर दिन हजारों वाहनों की प्रदूषण जांच होती है।

नए नियमों से वाहन चालकों को काफी परेशानी हो रही है। वाहन चालकों का कहना है कि सरकार को इस मामले में जल्द से जल्द समाधान ढूंढना चाहिए।

आरटीए अधिकारियों का कहना है कि वे इस समस्या से अवगत हैं और इसे हल करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।