केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2024 में होने वाली 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में रैंक और डिवीजन को खत्म करने का निर्णय लिया है। इससे पहले, 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा में छात्रों को प्रथम, द्वितीय, तृतीय डिवीजन और मेरिट सूची में स्थान दिया जाता था।
सीबीएसई बोर्ड का कहना है कि यह निर्णय नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप है। नई शिक्षा नीति में छात्रों की समग्र शिक्षा पर ध्यान देने पर जोर दिया गया है। रैंक और डिवीजन के आधार पर छात्रों को वर्गीकृत करने से उनकी समग्र शिक्षा प्रभावित हो सकती है।
सीबीएसई बोर्ड के इस निर्णय का कई शिक्षाविदों ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि यह निर्णय छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है। रैंक और डिवीजन के दबाव से छात्रों को मुक्त होगा और वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।
हालांकि, कुछ शिक्षाविदों का कहना है कि रैंक और डिवीजन छात्रों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत होता है। इसके बिना छात्रों में प्रतिस्पर्धा की भावना कम हो सकती है।