Haryana News:  कांग्रेस विधायक वरुण मुलाना ने एचपीएससी द्वारा सहायक पर्यावरण अभियंता भर्ती को लेकर जारी किए गए सिलेबस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार हरियाणवी युवाओं को नौकरियों से पूरी तरह वंचित करना चाहती है। इसीलिए जानबूझकर सरकारी भर्तियों के लिए ऐसे नियम बनाए जा रहे हैं, जिसका अन्य राज्य के युवाओं को लाभ हो सके।

उन्होंने कहा कि एचपीएससी द्वारा सिलेबस से हरियाणा जीके को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। एचएसएससी और एचपीएससी की भर्तियों में लगातार गैर-हरियाणवियों को तरजीह देने के लिए यहीं नीति अपनाई जा रही है। एसडीओ, बीडीपीओ, लेक्चरर से लेकर सहायक पर्यावरण अभियंता तक हर भर्ती में हरियाणवियों के साथ इसी तरह की साजिश हो रही है।

विधायक वरुण मुलाना ने कहा कि अब एचपीएससी ने एसीएस परीक्षा के लिए भी उन अभ्यार्थियों को अप्लाई करने की छूट दे दी है जिनके पास हरियाणा डोमिसाइल नहीं है। बिना डोमिसाइल के ही वह खुद को हरियाणा का रेजिडेंस बता सकते हैं। इससे इससे पहले बीजेपी-जेजेपी ने हरियाणा डोमिसाइल के नियमों में फेरबदल करके 15 साल की शर्त को घटाकर 5 साल कर दिया था। सरकार द्वारा यह तमाम नीतियां इसलिए बनाई जा रही हैं कि हरियाणा की नौकरियों में हरियाणवी युवाओं का ही चयन ना हो पाए। जबकि तमाम राज्य अपनी नौकरियों में स्थानीय युवाओं को तरजीह देने के लिए नीतियां बनाते हैं।

उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने हरियाणा को बेरोजगारी में नंबर वन बना दिया है। बीजेपी-जेजेपी सरकारी विभागों में खाली पड़े 2 लाख पदों को भरने की बजाय कौशल निगम के जरिए विदेश में युवाओं को भेजना चाहती है। ठेके वाली कच्ची नौकरियां के नाम पर पढ़े-लिखी युवाओं का शोषण किया जा रहा है।

वरुण मुलाना ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार ने स्कूलों में किताबें और वजीफा देने के बजाए पासपोर्ट बनवाने शुरु कर दिए हैं यह सरकार बच्चों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने की बजाए दूसरे देशों में जाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि यह सरकार प्रदेश में बाहरी राज्यों के युवाओं को नौकरी देने में लगी है। बावजूद इसके सरकारी विभागों में 50 प्रतिशत पद खाली पड़े हुए हैं। और आज हर वर्ग इस सरकार से त्रस्त होकर धरने देने को मजबूर है।