ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने भारतीय कुश्ती महासंघ के निलंबित अध्यक्ष संजय सिंह और उनके सहयोगी बृजभूषण शरण सिंह पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि संजय सिंह तदर्थ समिति की तरफ से जयपुर में होने वाली सीनियर नेशनल कुश्ती प्रतियोगिता में खिलाड़ियों को नहीं खेलने का दबाव बना रहे हैं।
बजरंग पूनिया ने खेल मंत्रालय को संबोधित एक पत्र में लिखा है कि खेल मंत्रालय, भारत सरकार ने अपने संविधान के प्रावधानों का उपयोग करते हुए भारतीय कुश्ती फेडरेशन को भंग कर दिया था। इसके बाद भारतीय ओलंपिक संघ ने खेल मंत्रालय के दिशा निर्देश पर भारतीय कुश्ती के मामले में निष्पक्ष और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए तदर्थ समिति का गठन किया था।
समिति की तरफ से बयान जारी कर बताया गया था कि दो फरवरी से पांच फरवरी तक राजस्थान के जयपुर में सीनियर नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप कराई जा रही है। बजरंग पूनिया ने कहा कि जब उन्हें और उनके साथी पहलवानों को इस बारे में पता चला तो सभी खुश हुए थे।
हालांकि, बजरंग पूनिया ने आरोप लगाया है कि जब यह बात संजय सिंह और बृजभूषण को पता चली तो उन्होंने फिर से अलग ही खेल शुरू कर दिया। उन्होंने तदर्थ समिति से अलग सीनियर नेशनल चैंपियनशिप कराने का फैसला ले लिया है।
बजरंग पूनिया ने कहा कि जिन राज्यों की फेडरेशन पर संजय सिंह और बृजभूषण का प्रभाव है, वहां बैठे अपने लोगों को जयपुर नेशनल में टीम नहीं भेजने का आदेश दिया है।
बजरंग पूनिया ने कहा कि ऐसे कई खिलाड़ी हैं जो उन्हें कॉल कर कह रहे हैं कि वह नेशनल खेलना चाहते हैं। बृजभूषण के लोग उनको धमका रहे हैं और जयपुर में होने वाले नेशनल में नहीं खेलने का दबाव बना रहे हैं।
बजरंग पूनिया ने कहा कि वह बार-बार कह रहे हैं कि इनको खिलाड़ियों के भविष्य से कोई मतलब नहीं है। इन्हें तो बस अपना दबदबा दिखाना है। पहले यह दबदबा पहलवान बेटियों को दिखा रहे थे, अब खेल मंत्रालय, भारत सरकार को दिखा रहे हैं।
बजरंग पूनिया ने कहा कि राज्यों की फेडरेशन में इनके चहेते बैठे हैं। जब तक उन फेडरेशनों को भंग करके निष्पक्ष तरीके से फेडरेशनों का गठन नहीं किया जाएगा, तब तक यह लोग ऐसे ही अपना दबदबा दिखाते रहेंगे।
बजरंग पूनिया ने खेल मंत्रालय से निवेदन किया कि सीनियर नेशनल चैंपियनशिप जरूर होनी चाहिए। अगर राज्य की फेडरेशन खिलाड़ियों को भाग लेने से रोक रही है तो ओपन नेशनल चैंपियनशिप करा दी जाए। खिलाड़ियों को भविष्य में कोई नुकसान नहीं होना चाहिए और दबदबा दिखाने वालों का स्थायी इलाज करना जरूरी है।
बजरंग पूनिया ने कहा कि मैंने हमेशा कुश्ती का भला चाहा है और आखिरी सांस तक चाहूंगा।