गंजेपन की समस्या से आजकल हर कोई परेशान है। कम उम्र में ही युवाओं के बाल झड़ने लगते हैं और कुछ ही सालों में उनके सिर पर बेहद कम बाल रह जाते हैं। ऐसे में उनकी पर्सनैलिटी काफी प्रभावित होती है। गंजेपन से छुटकारा पाने के लिए आमतौर पर लोग हेयर ट्रांसप्लांट करवाते हैं, लेकिन अब एक नई तकनीक उभरकर सामने आ रही है, जिसे PRP थेरेपी कहा जाता है।
PRP थेरेपी कैसे काम करती है?
इस थेरेपी में व्यक्ति के खून से प्लेटलेट प्लाज्मा निकालकर बालों को दोबारा उगाया जाता है। गंजेपन से जूझ रहे व्यक्ति का लगभग 8 से 10 मिलीलीटर खून लिया जाता है। इस खून को सेंट्रीफ्यूज मशीन में रखा जाता है, जिससे प्लाज्मा अलग होकर मशीन के सबसे ऊपरी हिस्से में जमा हो जाता है। प्लेटलेट्स के साथ कंसंट्रेटेड प्लाज्मा लेयर को अलग निकाल लिया जाता है। ये ग्रोथ फैक्टर्स और प्रोटीन से भरपूर होते हैं, जो कोशिकाओं को पुनर्जीवित करते हैं। इसके बाद इसे खोपड़ी में इंजेक्ट किया जाता है। प्रत्येक हेयर फॉलिकल को आपके खून द्वारा प्रदान किए जाने वाले सर्वोत्तम प्रोटीन, विटामिन और खनिजों का शॉट मिलता है और इससे वहां बेहतर बाल उगते हैं।
PRP थेरेपी के फायदे:
इस थेरेपी का कोई साइड इफेक्ट या एलर्जी नहीं होती है। यह थेरेपी दर्द रहित है। यह थेरेपी सुरक्षित और प्रभावी है। यह थेरेपी बालों के झड़ने को रोकने में मदद करती है। यह थेरेपी बालों को घना और मजबूत बनाने में मदद करती है।
PRP थेरेपी के नुकसान:
यह थेरेपी महंगी हो सकती है। इस थेरेपी के कई सत्र की आवश्यकता हो सकती है। इस थेरेपी के परिणाम स्थायी नहीं हो सकते हैं।
यह थेरेपी उन लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है, जिन्हें कोई गंभीर बीमारी है। यह थेरेपी गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए उपयुक्त नहीं है। यह थेरेपी उन लोगों के लिए उपयुक्त नहीं है, जिनके सिर पर बालों के रोम नहीं हैं।