हरियाणा के अस्पतालों में कल यानी एक मार्च से ड्रेस कोड लागू हो जाएगा। इसके लिए बाकायदा डिजाइनर से यूनिफॉर्म डिजाइन करवाई गई है। कोड के तहत पश्चिमी सभ्यता वाले कपड़े, हेयर स्टाइल, भारी गहने, एसेसरीज श्रृंगार, लंबे नाखून वर्किंग आवर के दौरान अस्वीकार्य होंगे। नेम प्लेट पर कर्मचारी का नाम और पदनाम दर्ज होगा।

पदनाम प्लेट लगाना अनिवार्य

अस्पताल के स्टाफ को नेम प्लेट लगाना अनिवार्य भी किया गया है। नर्सिंग कैडर को छोड़कर संबंधित पदनाम के प्रशिक्षु सफेद शर्ट और नेम प्लेट के साथ काली पेंट कोई भी पहन सकता है।

इस पॉलिसी में ड्रेस कोड वीक में 24 घंटे, 7 दिन, वीकेंड, शाम और रात की शिफ्ट सहित लागू होगा। कपड़े ठीक से फिट होने चाहिए और इतने तंग या ढीले भी न हों जो व्यक्तिगत रूप से अलग हो जाएं।

PPP कर्मचारियों के लिए नियम

पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) सेवाओं के तहत काम करने वाले कर्मचारी नेम प्लेट के साथ ड्रेस कोड की अपनी प्रणाली के साथ कार्य पर रहेंगे। यदि प्रस्तावित ड्रेस कोड नीति में कोई पदनाम पद छूट गया है, तो कर्मचारी द्वारा पदनाम पर ड्रेस कोड पहना जाएगा। सभी सिविल सर्जन विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाओं में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए अनुमोदित पदनामवार ड्रेस कलर कोड सुनिश्चित करवाएंगे।

महिला कर्मचारी नहीं पहन सकेंगी ऐसी ड्रेस

ड्रेस कोड में किसी भी रंग की जींस, डेनिम स्कर्ट और डेनिम ड्रेस को पेशेवर ड्रेस नहीं माना जाएगा और इनको पहनने की अनुमति नहीं होगी। स्वेट शर्ट, स्वेट सूट, शॉर्ट्स की अनुमति भी नहीं होगी। स्लेक्स, ड्रेस, स्कर्ट और प्लाजो को पहनने की अनुमति भी नहीं होगी।

ऐसे ही, टी शर्ट, स्ट्रेच टी-शर्ट, स्ट्रेच पेंट, फिटिंग पेंट, चमड़े की पेंट, काप्री, हिप हगर, स्वेटपेंट, टैंक टॉप, स्ट्रेपलेस, बैकलेस टॉप, ड्रेस, टाॅप, क्राप टाॅप, टाॅप कमर रेखा से छोटा, लो नेक लाइन वाला टॉप, ऑफ शोल्डर ब्लाउज स्नीकर्स, चप्पल आदि की अनुमति नहीं होगी। जूतों के संबंध में नीति के तहत जूते काले आरामदायक और सभी सजावट से मुक्त होने चाहिए तथा साफ भी होने चाहिए।