पानीपत में आयकर विभाग की संयुक्त टीमों ने राज ग्रुप और रिवेरा ग्रुप पर छापेमारी अभियान सोमवार शाम को समाप्त कर दिया। रिवेरा ग्रुप की तीन इकाइयों में शाम 4 बजे तक जांच पड़ताल की गई, जबकि राज ग्रुप की जांच एक दिन पहले ही खत्म हो गई थी।

इस कार्रवाई में पंजाब, हरियाणा और गाजियाबाद की टीमें शामिल थीं। इन टीमों को चार महीने में अपनी रिपोर्ट मुख्यालय में जमा करानी है। जांच के बाद टीमों ने ग्रुप के सीए और लेखाकार को उनके लैपटॉप सौंप दिए हैं।

फिलहाल टीमों ने राज ग्रुप के आठ और रिवेरा के पांच बैंक खातों से लेनदेन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। साथ ही आयकर विभाग ने रिवेरा और राज ग्रुप के किसी भी अधिकारी को पानीपत न छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं।

गौरतलब है कि आयकर विभाग की टीम को राज ग्रुप के एक लेखाकार और कैशियर के आवास से करीब 11 करोड़ की नकदी और करीब चार किलोग्राम सोना भी मिला है। यह सोना पानी की टंकी में छिपाया गया था। इसे बरामद कर आयकर विभाग के मुख्यालय भेजा गया है।

आयकर विभाग की टीम ने जांच के दौरान कुछ अहम दस्तावेज भी बरामद किए हैं। इनमें बिलिंग, कैश के लेनदेन और संपत्तियों के कागजात भी शामिल हैं। इनमें भी करोड़ों रुपये के लेनदेन की अहम जानकारी हाथ लगी है।

आयकर विभाग ने कार्रवाई के दौरान दोनों फर्मों के करीब 36 लोगों के बयान तक दर्ज किए हैं। सूत्रों के अनुसार, टीम ने राज और रिवेरा ग्रुप से लेनदेन करने वाली फर्मों की लिस्ट तैयार की है। दोनों ग्रुप पर चली कार्रवाई एक हजार पेजों में अंकित की है, जिसकी रिपोर्ट तैयार कर अब मुख्यालय भेजी जाएगी। साथ ही इनकी सहयोगी फर्मों पर भी दबिश देने की तैयारी की जाएगी।

यह जिले में अब तक की सबसे बड़ी आयकर विभाग की कार्रवाई मानी जा रही है। इस कार्रवाई में चंडीगढ़, गाजियाबाद, पंजाब और दिल्ली से भी स्पेशल टीम के अफसर नियुक्त किए गए थे।

यह कार्रवाई दोनों ग्रुपों के लिए बड़ी परेशानी खड़ी कर सकती है। आगे की जांच में क्या खुलासा होता है, यह देखना दिलचस्प होगा।