हरियाणा के रेवाड़ी शहर में शुक्रवार को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) ने एक बड़ी कार्रवाई की। HSVP ने बावल रोड पर सड़क किनारे झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले 20 से ज्यादा परिवारों के आशियाने तोड़ दिए।

कार्रवाई के दौरान घर का सामान भी क्षतिग्रस्त हो गया। जिसके चलते 20 से ज्यादा परिवारों को खुले आसमान तले रात गुजारनी पड़ी।

10 डिग्री सेल्सियस तापमान में अंजली नाम की उस महिला ने भी ठिठुरते हुए रात निकाली, जिसने 3 दिन पहले ही बेटी को जन्म दिया था।

HSVP की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए एडवोकेट कामरेड राजेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार एक तरफ जरूरतमंदों के लिए रैन बसेरे लगा रही है। वहीं, सर्दी में गरीबों के आशियानों को उजाड़ा जा रहा है। यह अस्थाई अतिक्रमण है। जबकि, शहर में कई प्रभावशाली लोगों ने पक्के निर्माण करके अवैध कब्जा कर रखा है। वहां पर विभाग की नजरें क्यों नहीं जाती हैं।

बताया गया कि शहर के बावल रोड पर कोर्ट कॉम्प्लेक्स के पीछे सड़क के दोनों साइड HSVP की जमीन पर 20 से ज्यादा परिवार लंबे समय से झुग्गी-झोपड़ी डालकर रह रहे थे। शुक्रवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट और पुलिस बल के साथ पहुंची HSVP की टीम ने झुग्गी-झोपड़ी पर बुलडोजर चलाना शुरू कर दिया।

इस दौरान झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को अपना सामान तक निकालने का मौका नहीं मिला। कार्रवाई के दौरान उनकी झुग्गी-झोपड़ी के सामान के अलावा बिक्री के लिए रखे गए मिट्‌टी के बर्तन तक टूट गए।

इस बीच झोपड़ी में रहने वाले लोग अधिकारियों के आगे कुछ समय देने की मांग करते रहे, लेकिन विभाग की कार्रवाई जारी रही। जिस समय विभाग ने कार्रवाई शुरू की, उस दौरान झोपड़ी में अंजली नाम की एक वो महिला भी थी, जिसने 3 दिन पहले ही बच्ची को जन्म दिया था।

इसके माता-पिता भी कार्रवाई को रोकने की गुहार लगाते रहे। पूरी जमीन को साफ करने के बाद अधिकारी वहां से निकल गए, लेकिन गाड़ियां लोहारों ने अपना डेरा यहीं डाले रखा। पूरी रात इन्होंने खुले आसमान तले ही गुजारी।

HSVP की इस कार्रवाई पर कई सवाल उठ रहे हैं। लोगों का कहना है कि सर्दी के मौसम में गरीबों के आशियानों को उजाड़ना गलत है। सरकार को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और गरीबों को उचित मुआवजा देना चाहिए।