हरियाणा में चिकित्सकों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर शनिवार को दो घंटे की हड़ताल की। हड़ताल के कारण प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में ओपीडी बंद रही। इससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

हरियाणा सिविल मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के आह्वान पर प्रदेश के सभी जिलों में चिकित्सकों ने सुबह 9 से 11 बजे तक ओपीडी नहीं देखी। इसके चलते सिविल अस्पताल, मातृ-शिशु अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाएं प्रभावित रहीं। हालांकि हड़ताल के बावजूद इमरजेंसी केस अटेंड किए गए।

हड़ताल के कारण प्रदेश में ओपीडी में 30 फीसदी तक की कमी आई। 800 से अधिक मरीजों को बिना इलाज के लौटना पड़ा। चिकित्सकों ने 11 बजे के बाद सीट संभाली और इसके बाद ही मरीजों को उपचार मिल पाया।

चिकित्सकों की मांगों में विशेषज्ञों के लिए अलग कैडर, पीजी के लिए बांड राशि में कमी और गतिशील सुनिश्चित कैरियर प्रगति (एसीपी) योजना शामिल हैं। एसोसिएशन के जिला प्रधान डॉ. राहुल आंतिल व जिला प्रवक्ता डॉ. प्यारेलाल मलिक ने कहा कि सरकार की ओर से इन मांगों को लंबे समय से नजरअंदाज किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मांगे नहीं मानी गईं तो आगे और भी उग्र आंदोलन किए जाएंगे।

अधिकारियों ने बताया कि हड़ताल के दौरान इमरजेंसी केस को प्राथमिकता दी गई। हालांकि ओपीडी प्रभावित होने से मरीजों को परेशानी हुई।