पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख Gurmeet Ram Rahim को 21 दिन की फरलो देने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने 31 जुलाई तक के लिए इस मामले को स्थगित कर दिया है और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
नोटिस में क्या है?
- हाईकोर्ट ने एसजीपीसी और हरियाणा सरकार से पूछा है कि राम रहीम सिंह को बार-बार फरलो/पैरोल पर क्यों दिया जा रहा है, जबकि वो दुष्कर्म और हत्या जैसे गंभीर अपराधों में दोषी हैं।
- हाईकोर्ट ने यह भी जानना चाहा है कि क्या राम रहीम सिंह ने पहले मिली फरलो/पैरोल का दुरुपयोग किया था या नहीं।
राम रहीम सिंह ने 21 दिन की फरलो मांगी थी ताकि वो जेल से बाहर रहकर “कल्याणकारी गतिविधियां” कर सकें। उनका कहना है कि वो वृक्षारोपण, नशा मुक्ति और गरीब लड़कियों की शादी जैसे कार्यों में प्रेरणा देंगे।
गौरतलब है कि:
- हरियाणा सरकार ने पहले ही 89 ऐसे दोषियों को पैरोल/फरलो दी है जिन्हें आजीवन कारावास और निश्चित अवधि की सजा वाले तीन या अधिक मामलों में दोषी ठहराया गया था।
- राम रहीम सिंह को 2022 में कट्टर अपराधी नहीं माना गया था।
- हरियाणा गुड कंडक्ट कैदी (अस्थायी रिहाई) अधिनियम 2022 के तहत पात्र दोषियों को हर साल 70 दिन की पैरोल और 21 दिन की फरलो देने का प्रावधान है।
- राम रहीम सिंह ने अतीत में मिली पैरोल/फरलो का दुरुपयोग नहीं किया है।
अब क्या होगा?
- 31 जुलाई को एसजीपीसी और हरियाणा सरकार हाईकोर्ट में अपना जवाब दख़िल करेंगी।
- उसके बाद हाईकोर्ट यह फैसला करेगा कि राम रहीम सिंह को फरलो दी जाए या नहीं।
यह मामला विवादित है क्यूंकि राम रहीम सिंह को गंभीर अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया है।