नए साल के पहले ही दिन सोमवार को जापान के मध्य प्रान्त इशिकावा में 7.6 की तीव्रता से भूकंप के जोरदार झटके महसूस किये गये। इसके साथ सुनामी की चेतावनी भी जारी की गई। जापान मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार भूकंप स्थानीय समयनुसार 4:10 बजे के करीब आया। जापान के साथ ही एशियाई देश के कई क्षेत्रों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।

भूकंप का केंद्र इशिकावा के नोटो क्षेत्र में वाजिमा पूर्व-उत्तरपूर्व में 30 किमी दूर 37.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 137.2 डिग्री पूर्वी देशांतर पर स्थित था। देश के मौसम विभाग ने नोटो क्षेत्र के लिए एक बड़ी सुनामी की चेतावनी जारी की गई है, जिसमें देश के जापान सागर के किनारे के निगाटा, टोयामा, इशिकावा प्रान्तों के लिए सुनामी की चेतावनी के बाद लोगों से तुरंत खाली होने का आग्रह किया गया है। हालांकि, आप सभी के दिमाग में एक सवाल जरूर आता होगा कि आखिर जापान में भूकंप बार-बार क्यों आते हैं और क्यों यहां सुनामी का खतरा मंडराता हुआ दिखाई देता है। आइये आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।

जानिए जापान में क्यों आता है भूकंप

आपको बता दें कि जापान में ज्यादा भूकंप आने का सबसे बड़ा कारण यहा है कि यहां कि धरती भूकंप के लिहाज से बेहद संवेदनशील है। इसका एक प्रमुख कारण वहां मिलने वाली धर्ती की सबसे अशांत टेक्टोनिक प्लेट्स हैं, जो अभिकेंद्रित सीमा बनाती हैं, जिसके कारण यहां की धरती दुनिया के सर्वाधिक भूकंपों का केन्द्र बन जाती है।

जापान में पेसिफिक प्लेट, फिलिपींस और अमरीकी प्लेट के नीचे जा रही है। यही वजह है कि जापान में हर साल छोटे-बड़े लगभग एक हजार भूकंप आते हैं। यही कारण है कि वहां लोग पक्के मकान न बनाकर कच्चे यानी मिट्टी और लकड़ी के घरों का निर्माण करते हैं।

जाने क्या हैं सुनामी

सुनामी पानी के अंदर होने वाली अशांति से उत्पन्न होने वाली विशाल लहरों की एक श्रृंखला है जो आमतौर पर समुद्र के नीचे या उसके निकट आने वाले भूकंपों से जुड़ी होती है। ज्वालामुखी विस्फोट, पनडुब्बी भूस्खलन, और तटीय चट्टानों का गिरना भी सुनामी उत्पन्न कर सकता है, सुनामी लहरें अक्सर पानी की दीवारों की तरह दिखती हैं और तटरेखा पर हमला कर सकती हैं और घंटों तक खतरनाक हो सकती हैं, हर 5 से 60 मिनट में लहरें आती हैं।

पहली लहर सबसे बड़ी नहीं हो सकती है और दूसरी, तीसरी, चौथी या उससे भी बाद की लहरें होती हैं जो सबसे बड़ी होती हैं। एक लहर के बाढ़ आने या अंतर्देशीय बाढ़ के बाद, यह अक्सर समुद्र की ओर पीछे हट जाती है जहां तक कोई व्यक्ति देख सकता है, इसलिए समुद्र तल उजागर हो जाता है।