ई-सिगरेट क्या है? – नॉर्मल सिगरेट से कैसे अलग है, इसका काम करने का तरीका, और भी बहुत कुछ
ई-सिगरेट एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो निकोटीन या गैर-निकोटीन वाले तरल पदार्थ को वाष्पित करके सांस के जरिए शरीर में पहुंचाता है। यह सिगरेट, सिगार और पाइप जैसे धुंआ छोड़ने वाले तंबाकू उत्पादों का एक विकल्प है।
यह कैसे काम करता है?
- बैटरी: यह डिवाइस को चलाने के लिए ज़रूरी ऊर्जा प्रदान करती है।
- एटमाइज़र: यह तरल पदार्थ को गर्म करके भाप में बदलता है।
- कार्ट्रिज: इसमें तरल पदार्थ (जिसे ई-लिक्विड या ई-जूस भी कहा जाता है) भरा होता है, जिसमें निकोटीन, फ्लेवर और अन्य रसायन हो सकते हैं।
- माउथपीस: यहां से यूजर भाप को अंदर लेता है।
ई-सिगरेट और आम सिगरेट में अंतर:
- धुंआ: ई-सिगरेट धुंआ छोड़ती नहीं है, जबकि आम सिगरेट से धुंआ निकलता है।
- तंबाकू: ई-सिगरेट में तंबाकू नहीं होता है, जबकि आम सिगरेट में तंबाकू होता है।
- रसायन: दोनों में ही रसायन होते हैं, लेकिन आम सिगरेट में 7,000 से ज्यादा रसायन होते हैं, जिनमें से कई हानिकारक होते हैं।
- स्वास्थ्य: ई-सिगरेट का स्वास्थ्य पर कम हानिकारक प्रभाव पड़ता है, लेकिन यह पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है।
ई-सिगरेट के उपयोग से जुड़े जोखिम:
- निकोटीन की लत: ई-सिगरेट में निकोटीन होता है, जो नशे की लत लगा सकता है।
- फेफड़ों को नुकसान: ई-सिगरेट के कुछ रसायन फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- दिल की बीमारी: ई-सिगरेट का इस्तेमाल करने से दिल की बीमारी का खतरा बढ़ सकता है।
- कैंसर: यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि ई-सिगरेट से कैंसर का खतरा बढ़ता है या नहीं, लेकिन कुछ रसायन कैंसरकारी हो सकते हैं।