भारतीय संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन गुरुवार को तीन महत्वपूर्ण क्रिमिनल लॉ बिल लोकसभा और राज्यसभा में पास हो गए। इन बिलों में भारतीय न्याय संहिता (Indian Penal Code), भारतीय न्याय सुरक्षा संहिता (Indian Penal Security Code) और भारतीय साक्ष्य संहिता (Indian Evidence Code) शामिल हैं। इन बिलों को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद कानून का रूप मिल जाएगा।

इन बिलों के पास होने के बाद देश की न्याय व्यवस्था में कई महत्वपूर्ण बदलाव होंगे। इनमें से कुछ प्रमुख बदलाव निम्नलिखित हैं:

  • राजद्रोह कानून को खत्म किया गया है और उसकी जगह देशद्रोह कानून बनाया गया है। अब कोई भी व्यक्ति सरकार की आलोचना करने के लिए जेल नहीं जाएगा।
  • नाबालिग से यौन शोषण के मामले में फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है।
  • मॉब लिंचिंग के मामलों में भी फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है।
  • आरोपी की गैरमौजूदगी में भी ट्रायल हो सकेगा।
  • फर्जी सिम लेने पर 3 साल की जेल और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।

इन बिलों के पास होने पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इनसे न्याय व्यवस्था में तेजी आएगी और तारीख पर तारीख का खेल खत्म होगा। उन्होंने कहा कि इन बिलों से देश की सुरक्षा और अखंडता को मजबूती मिलेगी।

लोकसभा और राज्यसभा से इन बिलों के पास होने के साथ ही संसद का शीतकालीन सत्र समाप्त हो गया।