Success Story: UPSC द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा (CSE) देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। हर साल लाखों उम्मीदवार इस परीक्षा का हिस्सा बनते हैं, लेकिन कुछ चुनिंदा उम्मीदवार ही इसमें सफलता हासिल कर पाते हैं। आइये आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका पूरा जीवन चुनौतियों से भरा रहा।

सिविल सेवा परीक्षा में दो बार असफल होने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और तीसरी बार में परीक्षा पास की। हम बात कर रहे है केरल के रहने वाले मोहम्मद अली शिहाब के जीवन की, इनकी कहानी उन लोगों के लिए बहुत प्रेरणादायक साबित हो सकती है जो जीवन में असफलताओं से डरते हैं और अपना सपना पूरा नहीं कर पाते।

शिहाब का बचपन बेहद कठिन परिस्थितियों में गुजरा। बचपन से ही काफी संघर्ष करने के बावजूद , वह कभी भी किसी मुसीबत से नहीं घबराए और अपनी मंजिल की ओर बढ़ते रहे।

मोहम्मद अली शिहाब का जन्म 15 मार्च, 1980 को कोरोट अली और फातिमा के घर हुआ था। शिहाब का एक बड़ा भाई, एक बड़ी बहन और दो छोटी बहनें हैं। शिहाब ने बहुत ही छोटी उम्र में साल 1991 में एक बीमारी के कारण अपने पिता को खो दिया। इससे उनकी मां पर परिवार के पालन-पोषण की जिम्मेदारी आ गई।

आर्थिक तंगी के कारण उनके लिए चारों बच्चों की देखभाल करना चुनौतीपूर्ण हो गया। इसलिए, उनकी माता ने अपने सभी बच्चों को काफी छोटी उम्र में अनाथालय भेज दिया शिहाब ने अपने जीवन के 10 साल अनाथालय में बिताए।

तीसरे प्रयास में निकाली UPSC

UPSC सिविल सर्विस की परीक्षा के पहले दो प्रयासों में शिहाब के हाथ केवल असफलता ही लगी। शिहाब ने 2011 में तीसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा क्लियर की और ऑल इंडिया रैंक 226 प्राप्त की।

10 साल तक अनाथालय में रहे

अनाथ बच्चों के साथ रहते हुए शिहाब ने पढ़ाई की, इस अनाथालय में वह 10 साल तक रहे। शिहाब पढ़ने में बहुत होशियार थे। हायर एजुकेशन के लिए शिहाब को पैसों की जरूरत थी, इसके लिए उन्होंने सरकारी एजेंसी की परीक्षा की तैयारी की और खास बात ये रही की एजेंसी की ओर से आयोजित होने वाली 21 परीक्षाओं को पास किया। 2004 में उन्होंने, वन विभाग, जेल वार्डन और रेलवे टिकट परीक्षक जैसे पदों पर भी काम किया।