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भारत का वो मैसेजिंग ऐप जो वॉट्सऐप से भी आगे था, फिर कैसे हुआ बर्बाद?

भारत का वो मैसेजिंग ऐप जो वॉट्सऐप से भी आगे था, फिर कैसे हुआ बर्बाद?

एक वक्त था जब भारत का अपना मैसेजिंग ऐप, हाइक, न सिर्फ वॉट्सऐप को टक्कर दे रहा था, बल्कि कई मामलों में उससे आगे भी था।

2012 में कविन भारती मित्तल द्वारा स्थापित, हाइक ने वॉट्सऐप को कड़ी टक्कर दी। स्टिकर, वॉयस कॉल, पेमेंट वॉलेट, गेम्स, क्रिकेट स्कोर अपडेट और न्यूज चैनल जैसे अत्याधुनिक फीचर पेश किए। भारत का सबसे तेजी से बढ़ने वाला ऐप बन गया, 10 करोड़ से अधिक यूजर्स तक पहुंचा। 1.4 बिलियन डॉलर का मूल्यांकन हासिल कर, भारत का 10वां यूनिकॉर्न बना।

कई मोर्चों पर ध्यान केंद्रित करने से ऐप जटिल हो गया, यूएसपी (स्टिकर) खो गई। वॉट्सऐप ने सरल इंटरफेस और बेहतर यूजर एक्सपीरियंस पर ध्यान केंद्रित किया। रिलायंस जियो के सस्ते डेटा ने वॉट्सऐप को बड़े यूजर वर्ग तक पहुंचाया। हाइक के डेली एक्टिव यूजर्स में गिरावट, 2018 में 90,000 तक पहुंची। 2019 में हाइक स्टिकर चैट ऐप के रूप में रीब्रांड किया गया, लेकिन असफल रहा। जनवरी 2021 में, हाइक ने पश्चिमी प्रतिस्पर्धा के आगे घुटने टेक दिए और बंद हो गया।

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