विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों की जगह अब भारत का टेक्निकल स्टाफ लेगा।
प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि दोनों देशों के बीच तीसरे दौर की बातचीत जल्द होगी। उन्होंने मालदीव को भारत से मिलने वाली मदद में कटौती की बात को भी गलत बताया।
जैसवाल ने कहा, “फिलहाल, वहां मौजूद पर्सनल (सैनिक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया) की जगह भारत का टेक्निकल स्टाफ तैनात किया जाएगा।” उन्होंने इस मुद्दे पर तफ्सील से कुछ नहीं कहा। मालदीव को भारत की तरफ से दी जाने वाली मदद के सवाल पर जैसवाल ने कहा, “इस बार के बजट में मालदीव के लिए 770.9 करोड़ रुपए रखे गए हैं। हमने मालदीव के लिए बजट बढ़ाया है।” “इस बजट अलॉटमेंट को आने वाले वक्त में होने वाली चीजों के लिहाज से रिवाइज भी किया जा सकता है। इसके लिए इंतजार करना होगा। भारत आज भी मालदीव के विकास का अहम साझेदार है।”
2 फरवरी को दोनों देशों के बीच नई दिल्ली में तमाम मुद्दों पर दूसरे दौर की बातचीत हुई। इसमें तय किया गया कि भारतीय सैनिक अब 15 मार्च 2024 की बजाए 10 मई 2024 तक लौट सकेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यह बताया कि सैनिकों की जगह ‘टेक्निकल स्टाफ’ लेगा। उन्होंने इस मुद्दे पर कहीं भी मिलिट्री या सैनिक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया।