• कतर की कोर्ट ऑफ अपील ने 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों की फांसी की सजा को कम कर दिया है।
  • अब इन नौसैनिकों को जेल में रहना होगा।
  • फैसले की विस्तार से जानकारी अभी नहीं दी गई है।
  • भारत सरकार ने फैसले का स्वागत किया है।

कतर में कथित तौर पर जासूसी के आरोपी 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों की फांसी की सजा को कम कर दिया गया है। अब इन नौसैनिकों को जेल में रहना होगा।

कतर की कोर्ट ऑफ अपील ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया। भारत सरकार ने फैसले का स्वागत किया है।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, फैसले की विस्तार से जानकारी का इंतजार है। इसके बाद ही अगले कदम पर विचार किया जाएगा।

सुनवाई के दौरान भारत के राजदूत अदालत में मौजूद थे। उनके साथ सभी 8 परिवारों के सदस्य भी थे। भारत ने इसके लिए स्पेशल काउंसिल नियुक्त किए थे।

अब अगला कदम कतर की सर्वोच्च अदालत कोर्ट ऑफ कंसेशन है। इसमें जेल काटने की सजा को भी चैलेंज किया जा सकता है। हो सकता है ये अदालत पूरी सजा ही माफ कर दे।

बहरहाल, इसके अलावा कतर के नेशनल डे (18 दिसंबर) को यहां के अमीर कई आरोपियों की सजा माफ करते हैं। अगर सुप्रीम कोर्ट सजा माफ नहीं भी करती तो कतर के अमीर यानी चीफ रूलर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी ऐसा कर सकते हैं।