किसान आंदोलन के बाद एक बार फिर से दिल्ली कूच को लेकर जिला पुलिस के साथ अम्बाला और सीमांत राज्य पंजाब के किसानों के टकराव के हालात बन रहे हैं। एक बार फिर अम्बाला का शंभू बॉर्डर इसका गवाह बनने जा रहा है। किसान संगठनों ने 13 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया है, लेकिन पुलिस ने अभी से पंजाब के किसानों को रोकने के लिए शंभू बाॅर्डर पर किलेबंदी शुरू कर दी है।

महत्वपूर्ण ये है कि पुलिस को तैयारी के स्तर पर किसान आंदोलन के दौरान रही खामियों से सबक लेना जरूरी है। दूसरी तरफ किसान भी पुलिस के चक्रव्यूह पर पल पल नजर बनाए हुए हैं। अम्बाला के किसान संगठन शहीद भगत सिंह के पदाधिकारी 8 को मरदो साहिब में जुटेंगे और पुलिस को मात देने की रणनीति पर मंथन और आगे बढ़ने की योजना पर काम करेंगे।

मंगलवार को शंभू बाॅर्डर पर किसान संगठनों व जिला पुलिस की खूब हलचल रही। एक तरफ तो डीएसपी ट्रैफिक जोगिंद्र शर्मा व एसएचओ सदर धर्मवीर सिंह तैयारियों का मुआयना कर रहे थे तो दूसरी तरफ भारतीय किसान यूनियन एकता सिद्धूपुर ब्लाॅक राजपुरा (पटियाला) के किसान शंभू बाॅर्डर पर दिल्ली कूच के पोस्टर चस्पा कर रहे थे। राजपुरा ब्लाॅक के वित्त सचिव मान सिंह के नेतृत्व में आए किसानों ने प्रशासन की तैयारियों पर तंज कसते कहा कि किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं।

घग्गर नदी पर जो फेंसिंग की जा रही है, उसे किसान हाथोंहाथ उखाड़ फेंकेंगे। हालांकि ये फेंसिंग एनएचएआई द्वारा रेगुलर तौर पर ही लगाई जा रही है ताकि लोग इसमें गंदगी न डाल सकें। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर असीम बंसल के मुताबिक एेसी ही फेंसिंग मारकंडा पर पहले से लगाई जा रही है। दरअसल, किसान आंदोलन में किसानों ने प्रशासन की तरफ से लगाए बेरिकेड को उखाड़कर घग्गर नदी में फेंक दिया था, लेकिन इस बार पंजाब से आने वाले वाहनों को रोकने के प्रबंधों के साथ-साथ घग्गर नदी पर अम्बाला की तरफ आने वाले वाहनों के लिए बनाए पुल पर दोनों और करीब 6 फीट ऊंची फेंसिंग लगाई जा रही है जिससे बेरिकेड्स को नदी में फेंकना आसान नहीं होगा।

दिल्ली कूच पर रणनीति } पुलिस के चक्रव्यूह पर किसान संगठनों की नजर, 8 को मरदो साहिब में बनाएंगे रणनीति
कंटीली तारों के रोल, बेरिकेड्स बाॅर्डर पर पहुंचे अम्बाला व पंजाब के किसानों ने शंभू बाॅर्डर से ही दिल्ली के लिए कूच करने का एेलान किया है। इसको देखते हुए शंभू बाॅर्डर पर कंटीली तारों के रोल पहुंचा दिए गए हैं। इसी प्रकार लोहे के बेरिकेड्स के अलावा पत्थर के अवरोधक भी यहां बड़ी संख्या में पहुंचा दिए गए हैं। हालांकि, अभी करीब एक सप्ताह और शेष है तो शंभू बाॅर्डर पर पुलिस की और तैयारियां देखने को मिलेंगी।

किसान आंदोलन में किसानों ने भेद दिया था किसानों का चक्रव्यूह, खामियों से लेना होगा सबक {आंसू गैस के गोलों का सामना करने का किसानों ने फार्मूला ढूंढ लिया था। जैसे ही गोला गिरता था किसान उसके ऊपर गीली बोरी डाल देते थे जिससे टीयर गैस बंद हो जाती थी। { किसान आंदोलन के दौरान घग्गर पर बेरिकेड्स मजबूत नहीं थे और हल्की चेन से बांधा था। किसानों ने इन बेरिकेड्स को ट्रैक्टर से खींचा तो चेन टूटी और बाद में किसानों ने बेरिकेड्स उठाकर घग्गर में फेंक दिया था।

पुलिस प्रशासन ने रोड रोलर व ट्रालों को सड़क पर अवरोधक बनाकर खड़ा कर रखा था। जिन्हें किसानों ने ट्रैक्टरों से खींच कर किनारे कर दिया गया था और इसके बाद किसान आगे बढ़ गए। पुलिस के पास वाटर कैनन का पानी खत्म हो गया था और फिर फायर ब्रिगेड का सहारा लेना पड़ा। वाटर कैनन का प्रशिक्षण समय से नहीं दिया गया और यह कई बार घूम कर इसका रुख पुलिस की तरफ हो गया था। एक बार बेरिकेडिंग तोड़कर किसान आगे निकले तो दोबारा से आगे चलकर उन्हें रोकने के दृष्टिकोण से कहीं भी दूसरी मजबूत बेरिकेडिंग नहीं थी।

घग्गर से पैदल निकलने वालों को रोकने के लिए तब कोई प्रबंध नहीं थे। पंजाब पुलिस ने दिखाया कैसे रोकना है पंजाब में इनेलो ने एसवाईएल खोदने का प्रण लिया था तो इनेलो कार्यकर्ता पंजाब पुलिस की एक भी बेरिकेडिंग नहीं तोड़ पाए थे। पंजाब पुलिस ने थ्री लेयर बेरिकेडिंग की थी। करीब 10 मीटर ऊंचे बेरिकर्सि लगाए गए और ट्राॅलियों में मिट्टी डाल कर ऊपर से सरिया डालकर बेरिकेड्स को ट्राॅलियों से वैल्डिंग कर रखा था। जिससे वे उखड़ नहीं पाए। पीछे पुलिस मुलाजिमों की कतार थी। खुद डीजीपी हेलीकॉप्टर से देख रहे थे। ड्रोन से कार्यकर्ताओं की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही थी।

जिला पुलिस ने मंगलवार को पुलिस लाइन ग्राउंड में आपात स्थिति से निपटने, कानून व व्यवस्था बनाए रखने व अपराधाें की रोकथाम के लिए पुलिस की 4 कंपनियों में शामिल 428 जवानांे को दंगा रोधी प्रशिक्षण दिया। प्रत्येक कंपनी में 107 जवान शामिल थे। इसी कड़ी में सह उप निरीक्षक व कौत इंचार्ज रविंद्र कुमार के नेतृत्व में फायर बट जंडली में जवानों को एंटी रायट गन व रबड़ बुलेट के फायर करवाए गए। टीयर गैस टीम काे प्रशिक्षण देकर शार्ट रेंज व लाॅन्ग रेंज सैल से भी अभ्यास करवाया गया।

प्रशिक्षण में स्वैट टीम, कमांडो, वज्रा, वाटर कैनन, टीयर गैस टीम, एल्फा, बरेवो, चार्ली व डेल्टा नामक विशेष 4 कंपनियों के जवानों को अत्याधुनिक राइफल जेवी पीसी, सिग राइफल, असाल्ट राइफल, एके-47, 12 बोर पंप एक्शन गन, एमएसएल, एसएलआर व मल्टी बैरल लाॅन्चर के चलाने व रखरखाव बारे प्रशिक्षण दिया गया। एसपी जश्नदीप सिंह रंधावा ने बताया कि प्रशिक्षण का उद्देश्य किसी भी आपात स्थिति में जान-माल की सुरक्षा करना, कानून व व्यवस्था बनाए रखने के लिए उचित कार्रवाई करते हुए अराजकता फैलाने और समय रहते किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए तुरंत कार्रवाई कर उसे रोकना है। यह विशेष प्रशिक्षण लगभग 20 दिन से लगातार चलाया जा रहा है।