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प्रधानमंत्री मोदी ने बोइंग के नए वैश्विक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी सेंटर का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जनवरी, 2024 को कर्नाटक के बेंगलूरू में अमेरिकी विमान निर्माण कंपनी बोइंग के नए वैश्विक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी सेंटर का उद्घाटन किया। इस मौके पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, राज्यपाल थावरचंद गहलोत और बोइंग के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद रहे।

बोइंग का यह कैंपस 43 एकड़ में फैला है और इसे बनाने में 1600 करोड़ रुपये की लागत आई है। बोइंग का यह सेंटर अमेरिका के बाहर कंपनी का सबसे बड़ा निवेश है। यह कैंपस बेंगलूरू के बाहरी इलाके देवनहल्ली में स्थित है। यह हाईटेक डिफेंस और एयरोस्पेस पार्क कैंपस है। इस सेंटर से वैश्विक एयरोस्पेस और रक्षा उद्योग के लिए अगली पीढ़ी के आधुनिक उत्पाद और सेवाएं विकसित की जाएंगी।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बोइंग के इस नए सेंटर का उद्घाटन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक क्षण है। उन्होंने कहा कि यह सेंटर भारत के एयरोस्पेस और रक्षा उद्योग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि बोइंग के इस निवेश से भारत में नौकरी के अवसर पैदा होंगे और भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने ‘बोइंग सुकन्या कार्यक्रम’ की भी शुरुआत की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य देश के बढ़ते विमानन क्षेत्र में पूरे भारत से ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को बढ़ावा देना है। यह कार्यक्रम लड़कियों और महिलाओं को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कौशल सीखने और विमानन क्षेत्र में नौकरियों के लिए प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करेगा।

इस कार्यक्रम के तहत युवतियों को STEM क्षेत्र से जुड़े करियर में रुचि जगाने में मदद मिलेगी। इसके तहत 150 जगहों पर लैब बनाई जाएंगी।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह कार्यक्रम भारत के युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम भारत के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है।

बोइंग के नए सेंटर के महत्व

बोइंग के नए सेंटर के उद्घाटन का भारत के लिए कई मायने हैं। यह सेंटर भारत के एयरोस्पेस और रक्षा उद्योग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मदद करेगा। इस सेंटर में अगली पीढ़ी के आधुनिक उत्पाद और सेवाएं विकसित की जाएंगी। इन उत्पादों और सेवाओं का उपयोग दुनिया भर में किया जाएगा।

बोइंग के इस निवेश से भारत में नौकरी के अवसर पैदा होंगे। इस सेंटर में बड़ी संख्या में भारतीय इंजीनियरों और वैज्ञानिकों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा, इस सेंटर से जुड़े अन्य उद्योगों में भी रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

बोइंग के नए सेंटर से भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में भी मदद मिलेगी। इस सेंटर से भारत को विदेशी मुद्रा की आमद होगी। इसके अलावा, इस सेंटर से जुड़े उद्योगों में होने वाले व्यापार से भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

‘बोइंग सुकन्या कार्यक्रम’ का महत्व

‘बोइंग सुकन्या कार्यक्रम’ का उद्देश्य देश के बढ़ते विमानन क्षेत्र में पूरे भारत से ज्यादा से ज्यादा लड़कियों को बढ़ावा देना है। यह कार्यक्रम लड़कियों और महिलाओं को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कौशल सीखने और विमानन क्षेत्र में नौकरियों के लिए प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करेगा।

यह कार्यक्रम भारत के युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद करेगा। यह कार्यक्रम भारत के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है।

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