प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पराक्रम दिवस के मौके पर स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि नेताजी का देश की स्वतंत्रता के लिए अटूट समर्पण आज भी प्रेरणा देता है।
पीएम मोदी ने कहा, “पराक्रम दिवस पर भारत के लोगों को बधाई। आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर हम उनके जीवन और साहस का सम्मान करते हैं। हमारे देश की स्वतंत्रता के लिए उनका अटूट समर्पण आज भी प्रेरित करता है।”
पीएम मोदी आज शाम लाल किले में पराक्रम दिवस समारोह में भी शामिल होंगे। इस अवसर पर पुरालेखों की प्रदर्शनियां, दुर्लभ तस्वीरें और दस्तावेज प्रदर्शित किए जाएंगे। ये समारोह 31 जनवरी तक चलेगा।
इससे पहले पराक्रम दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 21 द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर किया था।
बंगाल में निकाली गई रैली
पराक्रम दिवस पर पश्चिम बंगाल में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। यहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर एक रैली निकाली गई। इस रैली में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। रैली में लोगों ने नेताजी के प्रति अपना सम्मान प्रकट किया।
रैली में शामिल लोगों ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस एक महान देशभक्त थे। उन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। नेताजी के आदर्शों को हम हमेशा याद रखेंगे।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को ओडिशा के कटक में हुआ था। वे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
नेताजी ने 1939 में कांग्रेस से अलग होकर फॉरवर्ड ब्लॉक की स्थापना की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस गांधी जी के नेतृत्व में अहिंसक आंदोलन से आगे नहीं बढ़ सकती है।
1941 में नेताजी ने भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किया। उन्होंने जापान के साथ मिलकर आजाद हिंद फौज का गठन किया। आजाद हिंद फौज ने कई महत्वपूर्ण लड़ाईयां लड़ीं।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु 18 अगस्त, 1945 को ताइवान के ताइपे में एक विमान दुर्घटना में हुई थी। हालांकि, उनकी मृत्यु के कारणों पर आज भी विवाद है।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भारत का राष्ट्र नायक माना जाता है। वे आज भी लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।