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Olympics: कर्नाटक में ईरान के कोच आमिर से कुश्ती की बारीकियां सीख रहीं हैं पहलवान निशा, पढ़ें संघर्ष की कहानी

Olympics: Wrestler Nisha is learning the nuances of wrestling from Iran's coach Aamir in Karnataka.

Olympics: महिला पहलवान निशा दहिया पेरिस ओलंपिक में पदक जीतने के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं। अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए निशा पिछले पांच महीने से घर नहीं आई हैं। ओलंपिक की तैयारी को लेकर निशा ने अमर उजाला से अपने संघर्ष की कहानी साझा की। उन्होंने पूरी यकीन के साथ कहा है कि वह पेरिस ओलंपिक में पदक जीतकर ही घर लौटेंगी।

निशा की कुश्ती यात्रा: पानीपत से पेरिस तक

पानीपत के अदियाना गांव की रहने वाली निशा रोहतक के सत्यवान अखाड़ा की पहलवान हैं। उन्होंने रोहतक के अखाड़े में कुश्ती का अभ्यास कर पेरिस ओलंपिक का टिकट पक्का किया है। ओलंपिक में 68 किलोग्राम में स्वर्ण पदक जीतने के लिए निशा कड़ी मेहनत कर रही हैं। अपनी कमजोरियों को दूर करने के लिए वह पिछले पांच साल से कर्नाटक के जिंदल इंस्पायर इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स में कोचिंग ले रही हैं। वहाँ वह ईरानी कोच आमिर के मार्गदर्शन में अभ्यास कर रही हैं, जो फ्री हैंड कुश्ती के तरीके में सुधार कर रहे हैं। निशा ने कहा कि कड़ा अभ्यास जारी है और वह पेरिस से पदक लेकर ही घर लौटेंगी।

पांच महीने से घर नहीं गईं निशा

निशा ने अपने पिता दयानंद दहिया का सपना पूरा करने के लिए पिछले पांच महीनों से घर नहीं गई हैं। इस दौरान उन्होंने अपने माता-पिता या परिवार के किसी सदस्य से भी मुलाकात नहीं की है। निशा अपने पापा दयानंद के कहने पर 2011 से कुश्ती खेल रही हैं और अब ओलंपिक के बाद ही घर जाएंगी।

ओलंपियन और विश्व चैंपियन कोच आमिर के साथ प्रशिक्षण

निशा ने बताया कि वह कोच आमिर के मार्गदर्शन में 2021 में भी अभ्यास कर चुकी हैं। तब उन्होंने अंडर-23 विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। कोच आमिर ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप के अनुभवी हैं और उनकी ट्रेनिंग निशा के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रही है।

निशा की उपलब्धियां

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