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जानिए कौन हैं रामलला की प्रतिमा बनाने वाला ये महान मूर्तिकार, जिनकी बनाई मूर्ति राम मंदिर के गर्भगृह में होगी स्थापित, जानिए

Ayodhya

अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का समय नजदीक आ गया है। जिसको लेकर रामभक्तों में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा हैं। बता दें कि अयोध्या में स्थापित की जाने वाली राम की प्रतिमा का चयन हो गया है। मैसूर के अरुण योगीराज द्वारा बनाई 51 इंच की प्रतिमा मंदिर में स्थापित की जाएगी।

हालांकि, श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने फिलहाल इस मामले में बोलने से मना किया है। इसका आधिकारिक ऐलान 5 जनवरी को किया जा सकता हैं। केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने ये दावा किया है। शोभा करंदलाजे और प्रताप सिम्हा ने भी इस फैसले की जानकारी सोशल मीडिया में दी। प्रतिमा बनाने का कार्य तीन मूर्तिकारों को सौंपा गया था। ये तीनों मूर्तिकार अलग-अलग जगहों पर प्रतिमा का निर्माण कर रहे थे।

केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोशल मीडिया पर लिखा

केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोशल मीडिया द्वारा जानकारी देते हुए कहा कि ”जहां राम हैं, वहीं हनुमान हैं.” अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति का चयन हो गया है। देश के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार हमारे गौरव योगीराज अरुण द्वारा बनाई गई भगवान राम की मूर्ति अयोध्या में स्थापित की जाएगी। यह राम-हनुमान के अटूट रिश्ते का एक और उदाहरण है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि हनुमान की भूमि कर्नाटक से रामलला के लिए यह एक महत्वपूर्ण सेवा है।

घर-घर अक्षत निमंत्रण देने का काम शुरू

मिली जानकरी के मुताबिक राम मंदिर की राम मंदिर से जुड़ी जानकारी देने के लिए आज से घर-घर अक्षत निमंत्रण देने का काम शुरू किया गया है। ये अभियान VHP ने पूरे देशभर में शुरू किया। महाराष्ट्र में भी “सबके राम” से इस अभियान की शुरुआत हुई। बताया जा रहाहै कि यह अभियान अगले 15 दिन तक चलेगा।

जानें कौन हैं ये प्रसिद्ध मूर्तिकार

आपको बता दें कि अरुण योगीराज कर्नाटक एक प्रसिद्ध मूर्तिकार हैं। इन्होने मैसूर यूनिवर्सिटी से MBA किया है और ये सुप्रसिद्ध मूर्तिकार योगीराज के बेटे हैं। इनका पांच पीढ़ियों से मूर्ति बनाने का ही काम है। सुभाष चंद्र बोस की 30 फ़ीट ऊंची प्रतिमा भी इनके द्वारा ही बनाई गई थी। नेताजी की ये प्रतिमा अमर जवान ज्योति पर मौजूद है।वहीं केदारनाथ में शंकराचार्य की 12 फ़ीट ऊंची प्रतिमा भी इन्होने ही बनाई है। उन्होंने रामकृष्ण परमहंस की प्रतिमा का भी निर्माण किया था।

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