भारत ने 26 जनवरी, 2024 को अपना 75वां गणतंत्र दिवस मनाया। इस अवसर पर भारत के राजधानी दिल्ली में भव्य समारोह का आयोजन किया गया। देश के प्रथम महिला राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तिरंगा फहराया और परेड की सलामी ली।
इस समारोह के मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों थे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर गणतंत्र दिवस समारोह की अध्यक्षता की।
दोनों नेताओं ने समारोह के दौरान कई बार एक-दूसरे से बातचीत की। कभी वे एक-दूसरे को नमस्ते करते हुए नजर आए, तो कभी गले मिलते हुए। उनके बीच की ये जुगलबंदी देखने लायक थी।
मैक्रों ने समारोह में अपने भाषण में भारत और फ्रांस के बीच मजबूत संबंधों की बात कही। उन्होंने कहा कि दोनों देश एक-दूसरे के लिए महत्वपूर्ण हैं और वे मिलकर दुनिया में शांति और स्थिरता के लिए काम कर रहे हैं।
मोदी ने भी अपने भाषण में भारत और फ्रांस के बीच सहयोग की बात कही। उन्होंने कहा कि दोनों देश कई क्षेत्रों में मिलकर काम कर रहे हैं और इन क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने की जरूरत है।
मोदी और मैक्रों की जुगलबंदी से साफ है कि दोनों नेता भारत और फ्रांस के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
मैक्रों की भारत यात्रा का महत्व
मैक्रों की भारत यात्रा का ऐतिहासिक महत्व है। यह भारत और फ्रांस के बीच संबंधों में एक नई शुरुआत है।
दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव की स्थिति रही है। लेकिन मैक्रों की यात्रा ने इन तनावों को कम करने में मदद की है।
मैक्रों की यात्रा से भारत और फ्रांस के बीच सहयोग के नए अवसर पैदा हुए हैं। दोनों देश मिलकर कई क्षेत्रों में काम कर सकते हैं।
मैक्रों की यात्रा भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। यह भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को बढ़ाने में मदद करेगी।