Haryana News : हरियाणा सरकार ने राज्य के सहकारिता विभाग में हुए घोटाले का स्पेशल ऑडिट कराने के आदेश जारी किए हैं। बता दें कि यह ऑडिट 1995 से होगा। CM मनोहर लाल से मंजूरी मिलते ही सहकारिता विभाग ने ऑडिट के लिए बाहरी एजेंसियों के लिए टेंडर जारी कर दिया है। विभाग पहले भी ऑडिट के लिए दो बार टेंडर जारी कर चुका है लेकिन पहले कोई एजेंसी नहीं मिली थी।
इस बार टेंडर की शर्तों में बदलाव किया गया है। इस बार जिलों के ग्रुप बनाकर ऑडिट होगा, जबकि पहले एक साथ पूरे प्रदेश का ऑडिट होना था। 1995 से ऑडिट के आदेश देकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं। एक तो विभाग में फैले भ्रष्टाचार का खुलासा होगा, वहीं पिछली सरकारों के कार्यकाल को भी इसमें शामिल किया गया है।
इसमें कांग्रेस, इनेलो समेत अन्य दलों की सरकारें भी शामिल हैं। बजट सत्र में विपक्षी दल इस घोटाले को लेकर घेरने की कोशिश करेंगे। इसीलिए सरकार ने दूसरी सरकारों के कार्यकाल को भी इसमें शामिल किया है।
इस ऑडिट में केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा एकीकृत सहकारी विकास परियोजना में कितना पैसा दिया गया, कितना कहां खर्च हुआ, कितना पैसा बचा और कितने पैसे का गोलमाल हुआ अथवा उसे खुर्दबुर्द किया गया है, इसका ऑडिट होगा।
एंटी करप्शन ब्यूरो को आशंका है कि इस योजना में शुरू से ही फर्जीवाड़ा चल रहा है। ऐसे में पुराने समय से जांच हुई तो कई और अधिकारियों और कर्मचारियों के घोटाले के लपेटे में आने की आशंका है। ऑडिट में सामने आएगा कि 29 साल में कितनी रकम कहां, किस काम के लिए खर्च की गई, इसकी जांच होगी। बजट सत्र में विपक्ष यानी कांग्रेस सरकार को घेर न पाए इसलिए इसका दायरा बढ़ाया गया है।