आजकल, मोबाइल नंबर सिर्फ कॉल और मैसेज के लिए ही नहीं, बल्कि बैंकिंग, सोशल मीडिया और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों के लिए भी उपयोग किए जाते हैं। यही वजह है कि सिम स्वैपिंग और क्लोनिंग जैसे धोखाधड़ी के तरीके तेज़ी से बढ़ रहे हैं।
सिम स्वैपिंग और क्लोनिंग क्या है?
- सिम स्वैपिंग: यह धोखाधड़ी तब होती है जब कोई जालसाज आपकी पहचान चुराकर, आपके मोबाइल ऑपरेटर से आपके सिम कार्ड को एक नए सिम कार्ड में बदलवा लेता है। नए सिम पर सभी कॉल और मैसेज आने लगते हैं, जिससे जालसाज आपके बैंक खाते, सोशल मीडिया अकाउंट और अन्य डिजिटल सेवाओं तक पहुंच प्राप्त कर सकता है।
- सिम क्लोनिंग: इसमें, जालसाज आपके सिम कार्ड की एक कॉपी बना लेते हैं। इसका इस्तेमाल वे आपके फोन कॉल, मैसेज और डेटा को ट्रैक करने के लिए कर सकते हैं।
इन धोखाधड़ियों से कैसे बचें:
- अपने मोबाइल नंबर और निजी जानकारी को गोपनीय रखें: किसी के साथ भी अपना OTP, बैंकिंग पासवर्ड या अन्य संवेदनशील जानकारी साझा न करें। सोशल मीडिया पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक रूप से पोस्ट करने से बचें।
- मजबूत पासवर्ड और पिन का उपयोग करें: अपने मोबाइल नंबर, बैंक खातों और सोशल मीडिया अकाउंट के लिए मजबूत पासवर्ड और पिन का उपयोग करें। नियमित रूप से उन्हें बदलते रहें।
- अपने मोबाइल फोन का ध्यान रखें: अपने फोन को हमेशा अपने पास रखें और इसे लॉक करके रखें। जब आप इसका उपयोग नहीं कर रहे हों तो इसे बंद कर दें।
- अज्ञात कॉल और संदेशों से सावधान रहें: अज्ञात नंबरों से आने वाले कॉल या संदेशों का जवाब देने में सावधानी बरतें। इनमें संभावित रूप से धोखाधड़ी वाले लिंक या वायरस हो सकते हैं।
- अपने बैंक और मोबाइल ऑपरेटर को सतर्क करें: यदि आपको लगता है कि आपके सिम कार्ड के साथ छेड़छाड़ की गई है, तो तुरंत अपने बैंक और मोबाइल ऑपरेटर को सूचित करें। अपने सिम कार्ड को ब्लॉक करने और एक नया सिम कार्ड प्राप्त करने के लिए कहें।
- साइबर अपराध की रिपोर्ट करें: यदि आप सिम स्वैपिंग या क्लोनिंग का शिकार हुए हैं, तो पुलिस में शिकायत दर्ज करें और साइबर अपराध हेल्पलाइन पर भी रिपोर्ट करें।