भारत टेक्नोलॉजी के मोर्चे पर काफी आगे है, लेकिन टेक्नोलॉजी का सबसे इस्तेमाल शहरों तक सीमित है, जबकि गांवो और दूर-दराज एरिया टेक्नोलॉजी से दूर हैं। ऐसे में अगर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल दूर-दराज गांव तक पहुंचती है, तो चीजें काफी आसान हो सकती है।

इस बारे में हमने बांदीपोरा फाउंडेशन के फाउंडर रंजीत बरथाकुर से बातचीत की है..

क्या आज के दौर में टेक्नोलॉजी की मदद से किसी काम की मॉनिटरिंग की जा सकती है?

हां बिल्कुल, पिछले कुछ वर्षो में टेक्नोलॉजी सेक्टर में भारत ने इंप्रूवमेंट दर्ज की है। ऐसे में टेक्नोलॉजी की मदद से किसी भी प्रोजेक्ट के ट्रैकिंग में मदद मिल सकती है। अगर 2021 के फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे घने जंगल एक मैदान की शक्ल ले रहे हैं। इसके लिए फोटोग्रॉफ और वीडियोग्रॉफ का सहारा लिया गया है, जिसे टेक्नोलॉजी की मदद से कैप्चर किया गया है। इसमें सैटेलाइट इमेज और सेंसर, कैमरा समेत कई तरह की टेक्नोलॉजी का यूज करते हैं।

2023 के शोध के मुताबिक भारत का करीब 25 फीसद जंगल हैं। हालांकि यह फिजिकली तौर पर मेनेटन नहीं किया जा सकता है, जिसके लिए टेक्नोलॉजी अहम हो सकती है। ऐसे में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल जरूरी हो जाता है।

सैटेलाइट डेटा की मदद से काम की निगरानी की जा सकती है। उदाहरण के तौर पर टेक्नोलॉजी की मदद से रियल टाइम अलर्ट, अन्य डेटासेट जैसे ऑन-ग्राउंड ऑडियो सेंसर और अन्य अपराध जैसे अवैध शिकार को रोकने के लिए जीपीएस-टैग की जा सकती है।

टेक्नोलॉजी खेती में कैसे कर सकती मदद?

टेक्नोलॉजी की मदद से खेती के सामान की आपूर्ति ट्रेसबिलिटी की जा सकती है। सेंसर की मदद से पता किया जा सकता है कि खेत में कितने पानी और खाद की जरूरत है। साथ ही टेक्नोलॉजी की मदद से मौसम का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।

टेक्नोलॉजी मैपिंग के मामले में कैसे मदद कर सकती है?

किसी जगह का सही जानकारी के लिए ओपन सोर्स मैपिंग अहम होती है। ओपन सोर्स टेक्नोलॉजी की मदद से लोकल लोकेशन की मैपिंग की जा सकेगी। मतलब अपने आसपास के इलाकों की डिटेल्ड और आसान मैपिंग कर सकता है।

कैमरा और सेंसर की मदद

लोकल टेक्नोलॉजी में सेंसर और कैमरा ट्रैप से डेटा कलेक्ट किए जा सकते हैं। डेटासेट का इस्तेमाल पूर्वानुमानित मॉडलिंग के लिए भी किया जा सकता है। मतलब बाढ़, आग और सूखापन की घटनाओं पर ट्रैकिंग की जा सकती है। भारत के सीमावर्ती इलाकों में संरक्षण गतिविधि के लिए लोकल डेटा काफी मददगार साबित हो सकता है। ओपन-सोर्स टूल, डेटा एनालिसिस और भूमि उपयोग की ट्रैकिंग की ज्यादा पहुंच हो सकती है।

टेक्नोलॉजी भारत की तस्वीर को पूरी तरह से बदल सकती है। टेक्नोलॉजी की मदद से शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, और अन्य क्षेत्रों में सुधार किया जा सकता है। टेक्नोलॉजी की मदद से भारत एक विकसित देश बन सकता है।