Haryana News: हरियाणा की सत्तारूढ़ भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनावों के लिए व्यापक सर्वेक्षण करने का निर्णय लिया है। इस सर्वेक्षण के आधार पर ही उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा, जिससे नेता विशेष की सिफारिश या पसंद के आधार पर टिकट नहीं मिलेगा। सर्वे में जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों को ध्यान में रखते हुए ही उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा।
रोहतक में केंद्रीय मंत्री और हरियाणा विधानसभा चुनाव के प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई वरिष्ठ नेताओं की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस बैठक में चुनावों के सह-प्रभारी बिप्लब कुमार देब, सीएम नायब सिंह सैनी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और कृष्णपाल गुर्जर समेत हरियाणा सरकार के कई मंत्री और विधायक मौजूद रहे। इसके अलावा, पार्टी के प्रदेश स्तर के नेता, सभी जिलाध्यक्ष, जिला प्रभारी और मोर्चों-प्रकोष्ठों के पदाधिकारी भी बैठक में शामिल हुए।
धर्मेंद्र प्रधान ने रोहतक मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं के साथ मैराथन बैठकें कीं और चुनावी रणनीति पर चर्चा की। जिलाध्यक्षों और जिला प्रभारियों के साथ बैठक में उन्होंने पदाधिकारियों को चुनावी मंत्र दिया। भाजपा ने इस बार दो तिहाई बहुमत यानी 60 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। बैठक में लोकसभा चुनाव के नतीजों पर भी मंथन हुआ, जिसमें पार्टी ने पांच सीटों पर हार का कारण कांग्रेस द्वारा संविधान को बदलने और आरक्षण खत्म करने के प्रचार को बताया।
विधानसभा प्रत्याशियों के चयन के लिए प्रदेश की सभी 90 सीटों पर सर्वे करवाया जाएगा। इसके लिए स्टेट लेवल की सर्वे कमेटी का गठन किया जाएगा। यह कमेटी चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, सह-प्रभारी बिप्लब कुमार देब, सीएम नायब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल जैसे दिग्गज नेताओं के साथ विचार-विमर्श के बाद बनेगी। कमेटी संभावित प्रत्याशियों को लेकर सर्वे करवाएगी और लोगों से सभी चेहरों के बारे में फीडबैक जुटाएगी।
सर्वे कमेटी की रिपोर्ट का वरिष्ठ नेताओं द्वारा अध्ययन किया जाएगा और केंद्र भी अपने स्तर पर सर्वे करवाएगा। इसमें एजेंसियों की मदद ली जाएगी। दूसरी ओर, संघ की टीम भी अपने स्तर पर प्रत्याशियों के नामों को लेकर पार्टी को रिपोर्ट देगी। सभी तरह की रिपोर्ट का आकलन किया जाएगा और ऐसे चेहरों के पैनल बनेंगे, जिनमें नाम अधिकांश सर्वे रिपोर्ट में शामिल होंगे।